
नई शिक्षा नीति पर अमल से युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। इस बैठक में केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दी है। इसके बारे में डिटेल जानकारी सरकार की ओर से शाम 4 बजे होने वाली कैबिनेट ब्रीफिंग में दी जाएगी।
बजट-2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी। जानकारी के मुताबिक नई शिक्षा नीति से न केवल युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे बल्कि रोजगार हासिल करने में भी आसानी होगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना है। शिक्षा के क्षेत्र में एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग और विदेशी निवेश ( एफडीआई ) को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
मोदी सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के मकसद से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है। वहीं राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव भी लाया जा रहा है। कैबिनेट के समक्ष प्रस्तावित नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा पर जोर देने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' का कहना है कि नई शिक्षा नीति हायर एजुकेशन से संबंधित कई बातों का समाधान करेगी। नई शिक्षा नीति में केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मौलिक बदलाव को बढ़ावा देने की बात कही है। अगर आज नई शिक्षा नीति पर मुहर लगी तो युवाओं के लिए हायर एजुकेशन लेना पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगा।
इसके अलावा बुधवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी आज शाम 4 बजे बैंकों और एनबीएफसी के हितधारकों के साथ भविष्य के लिए विजन एवं रूपरेखा पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे। एनबीएफसी हितधारकों के साथ चर्चा के एजेंडे में ऋण उत्पाद और वितरण के लिए प्रभावकारी मॉडल, प्रौद्योगिकी के जरिए वित्तीय सशक्तिकरण और वित्तीय सेक्टर के स्थायित्व और निरंतरता के लिए विवेकपूर्ण तौर तरीके जैसे विषय शामिल हैं।
Updated on:
29 Jul 2020 01:22 pm
Published on:
29 Jul 2020 11:14 am
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