
Post matric Scholarship
सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना तीन साल के लिए बढ़ा दी है और इसके लिए परिवार की सालाना आमंदनी की सीमा भी एक से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरूवार को यहां हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार की इस छात्रवृति योजना को 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में भी जारी रखने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
इस योजना के लिए 3085 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। जिसमें से 30 प्रतिशत राशि छात्राओं के लिए और 5 प्रतिशत दिव्यांग छात्रों के लिए होगी। सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से इसमें संशोधन करते हुए देश में ही उच्च शिक्षा हासिल करने वाले उन परिवारों के छात्रों को भी पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति देने का निर्णय लिया है जिनके परिवार की वार्षिक आमंदनी डेढ़ लाख रूपए है। पहले यह सीमा एक लाख रुपए थी। छात्रवत्ति का वितरण आधार से जुड़े बैंक खातों के जरिए किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह योजना वित्त से संबंधित है, इसलिए केन्द्रीय सहायता राष्ट्रीय आवंटन के अनुसार जारी की जाएगी। इससे बड़ी संख्या में ओबीसी छात्र इस योजना के दायरे में आ जाऐंगे और उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे। आधार संख्या से जुड़े होने के कारण इसकी बेहतर निगरानी की जा सकेगी। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना (पीएमएस-ओबीसी) देश में ही अध्ययन करने वाले ओबीसी छात्रों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से 1998-99 से चलायी जा रही है। इसके तहत हर साल करीब 40 लाख ओबीसी छात्रों को दसवीं के बाद अध्ययन जारी रखने में मदद मिलती है। इस स्कीम के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर जा कर इस स्कीम के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस स्कॉलरशिप को पाने के लिए सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जाती है।
Published on:
10 Aug 2018 04:26 pm
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