
reading book
अमरीकी लोग जो खाली समय में अपनी खुशी के लिए हर दिन कुछ पढ़ते हैं उनका आंकड़ा वर्ष 2004 से तीस फीसदी तक गिर चुका है। इसका खुलासा अमेरीकन टाइम सर्वे के ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट में हुआ है। 2004 में करीब 28 फीसदी अमरीकी जिनकी उम्र 15 वर्ष या इससे अधिक थी वे अपनी खुशी के लिए पढ़ते थे।
पिछले साल ये आंकड़ा 19 फीसदी के करीब पहुंच गया है। समय को लेकर बात करें तो इसमें तेजी से गिरावट दर्ज हो रही है। 2004 में हर अमरीकी व्यक्ति 27 मिनट का समय देता था। जबकि 2017 में ये आंकड़ा 17 फीसदी के करीब पहुंच गया है। पढऩे का शौक पुरुषों में तेजी से गिर रहा है। 2004 में किसी न किसी एक दिन 25 फीसदी लोग पढ़ते थे। 2017 में गिरावट दर्ज की गई और आंकड़ा 15 फीसदी पहुंच गया। पुरुषों में पढऩे की ललक तेजी से कम हुई है। 2004 में रूचि से पढऩे वाले पुरुषों की संख्या 25 फीसदी थी जो 2017 में 15 फीसदी पहुंच गई है। महिलाओं की बात करें तो 2003 में 31 फीसदी से ये आंकड़ा 29 फीसदी जबकि 2017 में 22 फीसदी दर्ज किया गया है।
सर्वे के आंकड़ों की मानें तो फुर्सत में पढऩे वालों की संख्या हर उम्र वर्ग में कम हुई है। 35 से 44 उम्र वर्ग के लोगों में बदलाव अधिक देखा गया है। अमरीकन टाइम सर्वे २६ हजार लोगों पर किया गया जिसमें उनसे बीते दिन जो भी किया उसका ब्यौरा मांगा गया। सर्वे में पता चला है कि 1982 में 57 फीसदी लोग लघु कहानियां, नाटक और कविता पढऩे में दिलचस्पी रखते थे। 2015 में इनका आंकड़ा 43 फीसदी पर सिमट गया। प्यू रिसर्च सेंटर और गैलप के आंकड़ों के अनुसार 1978 से 2014 के बीच तीन गुना किशोरों ने कोई भी किताब नहीं पढ़ी। फुर्सत में पढऩे वालों की संख्या में कमी का कारण कंप्यूटर, मोबाइल, वीडियो गेम जैसे गैजेट्स को माना गया है। 2017 की अमरीकी रिपोर्ट के अनुसार एक अमरीकी नागरिक दो घंटा 45 मिनट का समय हर दिन टीवी देखने में गुजारता है। दस गुना अधिक समय पढऩे की बजाए टीवी देखने में व्यतीत करते हैं। भारत में फुर्सत में पढऩे वालों की बात करें तो औसतन एक व्यक्ति हफ्ते में दस घंटे का समय ही कुछ न कुछ पढऩे के लिए निकालता है।
Published on:
29 Jul 2018 10:24 am
बड़ी खबरें
View Allशिक्षा
ट्रेंडिंग
