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कोरगुड़ा स्कूल के जर्जर पुराने भवन की जगह अतिरिक्त भवन की पीडब्ल्यूडी ने कर दी मरम्मत

डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम कोरगुड़ा में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला भवन में छत का प्लास्टर गिरने के मामले में विभागीय लापरवाही सामने आई है। जिस जर्जर पुराने स्कूल भवन की मरम्मत के लिए एक साल पहले शिक्षा विभाग ने स्टीमेट भेजा था, उसकी मरम्मत नहीं की गई।

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डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम कोरगुड़ा में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला भवन में छत का प्लास्टर गिरने के मामले में विभागीय लापरवाही सामने आई है। जिस जर्जर पुराने स्कूल भवन की मरम्मत के लिए एक साल पहले शिक्षा विभाग ने स्टीमेट भेजा था, उसकी मरम्मत नहीं की गई।

Case of falling plaster of roof : डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम कोरगुड़ा में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला भवन में छत का प्लास्टर गिरने के मामले में विभागीय लापरवाही सामने आई है। जिस जर्जर पुराने स्कूल भवन की मरम्मत के लिए एक साल पहले शिक्षा विभाग ने स्टीमेट भेजा था, उसकी मरम्मत नहीं की गई। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत 5 लाख 83 हजार रुपए की राशि को परिसर बने अतिरिक्त शाला भवन में लोक निर्माण विभाग ने खर्च कर डाला।

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शिक्षा विभाग : जिसकी मरम्मत का प्रस्ताव भेजा, वहां काम नहीं हुआ

शिक्षा विभाग कह रहा है कि हमने जर्जर मूल शाला भवन की मरम्मत का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन अतिरिक्त शाला भवन की मरम्मत कर दी गई।

पीडब्ल्यूडी: जो स्टीमेट व ड्राइंग मिली, उस भवन की मरम्मत की

लोक निर्माण विभाग का कहना है कि हमको जो स्टीमेट और ड्राइंग मिली थी, उसी भवन की मरम्मत की गई थी। यहां जिम्मेदार विभाग को ही पता नहीं है कि आखिर मरम्मत कार्य में कितना खर्च किया गया है।

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जहां जरूरत मरम्मत की, वहां नहीं किया

ग्रामीणों के मुताबिक जिम्मेदारों ने जहां मरम्मत की जरूरत थी, वहां काम ही कराना जरूरी नहीं समझा बल्कि जहां मरम्मत की जरूरी नहीं था, वहां कार्य करवा दिया। जानकारी मिल रही है कि लोक निर्माण विभाग ने स्कूल परिसर के तीन अतिरिक्त भवन की मरम्मत कार्य कराया था।

एक साल बाद भी नहीं मालूम कितना खर्च हुआ

विभाग के मुताबिक अतिरिक्त शाला भवन की मरम्मत लगभग एक साल पहले हुई। लोक निर्माण विभाग इस कार्य का मूल्यांकन आज तक नहीं करा पाया है। विभाग को पता ही नहीं है कि इस कार्य में कितना खर्च हुआ है।

2023 में 5.83 लाख रुपए हुए थे जारी

शिक्षा विभाग के मुताबिक मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत जर्जर स्कूल भवन की मरम्मत के लिए ही साल 2023 में 5.83 लाख की राशि जारी हुई थी। मरम्मत के दौरान क्या गड़बड़ी हुई, यह लोक निर्माण विभाग व शिक्षा विभाग ही बता पाएंगे

अब निर्माण व मरम्मत कार्य पर उठ रहे सवाल

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत कई स्कूलों में मरम्मत कार्य किया गया। कुछ स्कूलों में अभी से शिकायत मिलने लगी है कि मरम्मत के बाद भी सीपेज हो रहा है। दूसरी ओर कोरगुड़ा स्कूल भवन के मूल भवन की मरम्मत में हुई गड़बड़ी की जिला प्रशासन को गंभीरता से जांच कराना चाहिए। पालकों का भी कहना है कि जिस भवन की जरूरत थी, वहां मरम्मत कराना था।

निर्माण शुरू किया तब आपत्ति क्यों नहीं की

जर्जर मूल शाला भवन के बजाए अतिरिक्त कक्ष की मरम्मत की गई तो जिम्मेदार शिक्षा विभाग ने आपत्ति क्यों नहीं की। निरीक्षण में शिक्षा विभाग के अधिकारी आए होंगे तो इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई। इस तरह के कई सवाल पालक उठा रहे हैं।

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उच्च अधिकारी को दे दी गई जानकारी

बीईओ डौंडीलोहारा हिमांशु मिश्रा ने कहा कि हमने जर्जर शाला भवन की मरम्मत के लिए सूची उपलब्ध कराई थी। निरीक्षण में देखा गया जर्जर स्कूल भवन की मरम्मत नहीं हुई है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारी को दे दी गई है।

सूची के अनुसार की गई स्कूल की मरम्मत

एसडीओ, लोक निर्माण विभाग रीतू खरे ने कहा कि हमें जो सूची उपलब्ध कराई गई थी, उसी स्कूल भवन की मरम्मत की गई। जहां प्लास्टर उखडऩे की घटना हुई है, उस भवन की मरम्मत नहीं कराई गई है। बाकी अतिरिक्त कक्ष की मरम्मत की गई। वह नियम से किया गया है। इसमें कितना खर्च हुआ है, इसका बिल नहीं बना है।