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अंकतालिका में माता-पिता का नाम लिखने के नियमों को लेकर हाईकोर्ट ने कहा है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) किसी विद्यार्थी को माता-पिता का नाम समाज में प्रचलित नाम से अलग नाम रखने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। कोर्ट ने एक छात्र की मां का नाम बदलने के मामले में CBSE के रवैये पर अफसोस जाहिर किया है।
न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने इशिता खंडेलवाल की याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि CBSE अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहा है। विद्यार्थियों के माता-पिता के नाम में संशोधन में बाधा डालने वाला CBSE का कोई नियम है तो उसे अवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की कक्षा 12 की अंकतालिका में 7 दिन में संशोधन के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही चेतावनी भी दी कि निर्देशों की पालना नहीं होने पर CBSE के संबंधित अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।
यह था मामला
प्रार्थीपक्ष ने कहा था कि प्रार्थियां की मां का नाम सीमा माणक था, जिसे निर्धारित प्रक्रिया के जरिए बदलकर संयोगिता माणक नाम रखा गया। प्रार्थिया ने संबंधित दस्तावेज पेश कर बारहवीं की अंकतालिका में संशोधन के लिए आवेदन किया लेकिन CBSE ने नाम बदलने से इंकार कर दिया। सीबीएसई ने कोर्ट से कहा कि परिणाम के बाद अंकतालिका में नाम नहीं बदला जा सकता।
Published on:
01 Jun 2019 12:11 pm
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