
Suicide Cases In India(Symbolic AI Generated Image-Gemini)
Suicides In India: भारत में 2022 में जितनी भी आत्महत्याएं दर्ज हुईं, उनमें से 7.6 प्रतिशत छात्र थे। यह आंकड़ा 2021 में 8.0 प्रतिशत और 2020 में 8.2 प्रतिशत था। यह जानकारी लोकसभा में पेश की गई, जो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की Accidental Deaths and Suicides in India (ADSI) रिपोर्ट पर आधारित है। शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बताया कि सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है। छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता देने के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की ‘मनोदर्पण’(Manodarpan) योजना के जरिए लाखों छात्रों को काउंसलिंग हेल्पलाइन और लाइव सेशन से मदद मिली है। इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय की "District Mental Health Programme (DMHP)" देश के 767 जिलों में आत्महत्या रोकथाम और जीवन कौशल सिखाने का काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि युवा वर्ग में नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार ने नशा विरोधी अभियान और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को भी तेज कर दिया है।
University Grants Commission (UGC) ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को फिटनेस, खेलकूद, छात्र कल्याण और भावनात्मक भलाई को बढ़ावा देने की सलाह दी है। IIT मद्रास, दिल्ली और गुवाहाटी जैसे संस्थान अब तनाव कम करने और मानसिक मजबूती के लिए वर्कशॉप्स करवा रहे हैं, जो "मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम(Malviya Mission Teacher Training Program)के तहत हो रहे हैं।
इसके साथ ही, शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार "Higher Education Commission of India (HECI)" नाम से एक नया नियामक संस्थान बनाने की तैयारी में है। इसका मकसद उच्च शिक्षा की देखरेख के लिए एक ही संस्था बनाना है। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लाई जा रही है, जो एक “light but strict” नियम लाने की बात करती है। अभी UGC गैर-तकनीकी शिक्षा देखती है, AICTE तकनीकी संस्थानों को संभालती है और NCTE शिक्षक प्रशिक्षण की निगरानी करती है। HECI बनने के बाद ये सभी कार्य एक ही संस्था के तहत आ सकते हैं।
सरकार ने छात्र आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए कई आवश्यक पहल की हैं। इन पहलों का उद्देश्य छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना, परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराना और शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाना है।
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
केंद्र सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर की नियुक्ति को बढ़ावा दिया है। कई संस्थानों में नियमित काउंसलिंग सत्र कराए जा रहे हैं ताकि छात्र अपने भावनात्मक मुद्दों को साझा कर सकें।
मनो-सामाजिक हेल्पलाइन – ‘किरण’
भारत सरकार ने 24x7 मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए ‘किरण’ नामक हेल्पलाइन नंबर (1800-599-0019) शुरू किया है, जिसका उद्देश्य तनाव, अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्तियों से पीड़ित व्यक्तियों को तुरंत सहायता देना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020
इस नीति के तहत छात्रों पर शैक्षणिक बोझ कम करने, लचीलापन बढ़ाने और समग्र विकास को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। इससे छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने में सहायता मिल रही है।
मनोस्वास्थ्य के लिए स्कूल-आधारित कार्यक्रम
कई राज्य सरकारें स्कूलों में "Happiness Curriculum" (जैसे दिल्ली सरकार) चला रही हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों को मानसिक रूप से संतुलित बनाना, आत्मविश्वास बढ़ाना और जीवन कौशल सिखाना है।
UGC और AICTE की पहल
University Grants Commission (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों के लिए काउंसलिंग सुविधाएं अनिवार्य करें और तनाव मुक्त वातावरण बनाने की कोशिश करें।
पेरेंटिंग वर्कशॉप और टीचर ट्रेनिंग
सरकार स्कूलों में शिक्षकों और पैरेंट्स के लिए विशेष वर्कशॉप भी चला रही है ताकि वे छात्रों के व्यवहारिक बदलावों को समझ सकें और समय रहते उन्हें मार्गदर्शन दे सकें।
कुछ दिनों पहले ही 25 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी, तरूण ठाकुर, की कथित तौर पर दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में अपने किराए के आवास में आत्महत्या से मृत्यु हो गई। वह छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। वहीं कुछ दिनों पहले छात्रों का गढ़ कहे जाने वाले कोटा से भी ऐसी ही एक घटना की जानकारी सामने आई थी।
| States | # Student Suicides | % Total Student Suicides |
|---|---|---|
| Maharashtra | 1764 | 14% |
| Tamil Nadu | 1416 | 11% |
| Madhya Pradesh | 1340 | 10% |
| Uttar Pradesh | 1060 | 8% |
| Jharkhand | 824 | 6% |
Updated on:
25 Jul 2025 04:25 pm
Published on:
22 Jul 2025 03:18 pm
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