
Nitish Kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा की पहुंच आसान बनाने के लिए हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता दुहराते हुए मंगलवार को कहा कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को प्रत्येक महीने एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। कुमार ने अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी), पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं से जुड़ी कई योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रावास में रहने के दौरान छात्र-छात्राओं को प्रत्येक महीने 1000 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि सीधे विद्यार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इन छात्र-छात्राओं के लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन कर रहे लोगों को मिलने वाली दर पर अनाज उपलब्ध कराने की सहमति दी, लेकिन राज्य सरकार ने प्रत्येक विद्यार्थी को मुफ्त में 15 किलो अनाज जिसमें नौ किलो चावल और छह किलो गेहूं प्रतिमाह छात्रावास तक पहुंचा देने की योजना लागू की। अब छात्र-छात्राएं बिना किसी परेशानी के मन लगाकर पढ़ सकेंगे, अब न उन्हें खाने की चिंता करनी है और न ही पैसे की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले राज्य के एससी, एसटी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को इस वर्ष से 50 हजार रुपए और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करने वाले ऐसे विद्यार्थियों को एक लाख रुपए की राशि सरकार उपलब्ध कराएगी ताकि वे मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें तथा अंतिम रूप से चयनित हो सकें।
उच्च शिक्षा के लिए मिल रहा ४ लाख रुपए का ऋण
उन्होंने कहा कि एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी इन योजनाओं का लाभ उठाएं और अधिक से अधिक संख्या में पदाधिकारी बनें। वह लोगों के लिए सकारात्मक ढंग से काम करने में विश्वास करते हैं, जिन्हें नकारात्मक बातें करने की आदत है, वे करते रहें। कुमार ने कहा कि सात निश्चय की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए चार लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण दिया जा रहा है। जहां छात्रों को यह ऋण चार प्रतिशत वहीं छात्राओं, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को यह एक प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। जिन्हें छात्रवृत्ति मिल रही है, उन्हें भी शिक्षा ऋण का लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि सभी मन से पढ़ें और आगे बढ़ें। समाज में विभेद है, उसका खात्मा हो। सब क्षेत्र, सब वर्ग का विकास हो, इसके लिए न्याय के साथ विकास के पथ पर वह अग्रसर हैं। कुछ कल-कारखाने स्थापित करना या कुछ लोगों की आमदनी का बढ़ जाना ही विकास नहीं है बल्कि विकास का लाभ प्रत्येक व्यक्ति, हर वर्ग और प्रत्येक क्षेत्र को मिले। वह बिहार के लोगों की अपेक्षाओं को समझते हैं, उस पर निरंतर काम कर रहे हैं।
ड्रॉप आउट में आई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अनेक योजनाओं का लोकार्पण हुआ है, जिनका संबंध युवा छात्र-छात्राओं से है। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सरकार ने प्रारंभ से ही कई योजनाएं चलाई हैं, उसी दिशा में वंचित तबकों के लिए इन योजनाओं की शुरुआत की गई है। उनकी सरकार का गठन होने के बाद जब सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि 12.50 प्रतिशत बच्चों का विद्यालय में नामांकन नहीं है। उनमें से सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के बच्चे थे। इन जातियों के बच्चों को साक्षर करने के लिए टोला सेवक एवं तालिमी मरकज बहाल किए गए हैं। अब इनकी ड्रॉप आउट रेट एक प्रतिशत से भी कम रह गई है।
छात्रावासों में मिल रही हैं मौलिक सुविधाएं
कुमार ने कहा कि एससी एवं एसटी, अल्पसंख्यक वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए नए छात्रावासों का निर्माण करवाया जा रहा है, जो पुराने एवं जर्जर छात्रावास हैं, उनकी जगह पर नए छात्रावास बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए नया वातावरण मिलेगा और उम्मीद है कि वे बेहतर ढंग से अध्ययन कर सकेंगे। उनकी सरकार बनने के पहले छात्रावासों की जो हालत थी, वो किसी से छुपी हुई नहीं है। छात्रों को शौच तक के लिए बाहर जाना पड़ता था। अब जो नए भवन बने हैं, वहां छात्रों के लिए सारी मौलिक सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है।
शराबबंदी के बाद राज्य में अच्छा प्रभाव पड़ा
उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए छात्रावास योजना की शुरुआत की गई। उन छात्रावासों में पढऩे वाले छात्रों में उत्साह एवं लगन देखने को मिल रहा है। समाज सुधार के काम के तहत शराबबंदी लागू की गई। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। शराबबंदी के बाद राज्य में अच्छा प्रभाव पड़ा है और माहौल भी बदला है। पांच नई योजनाओं की शुरुआत कर उसे मूर्त रूप दिया गया है, इसके लिए मॉनसून सत्र में ही अनुपूरक बजट की व्यवस्था कर सभी योजनाओं के लिए बजट स्कीम लागू कर दी गई है।
सभी को अंबेडकर से प्रेरणा लेनी चाहिए
कुमार ने कहा कि राज्य का गौरवशाली इतिहास रहा है, उसे फिर से प्राप्त करना है। 2000 वर्ष पूर्व यहां का इतिहास गौरवशाली था, यही आर्यावर्त का इतिहास था और यही मानव जाति का इतिहास था। सबको प्रेम, सद्भाव के साथ रहकर एक दूसरे की इज्जत करनी है और मन लगाकर पढऩा है। सभी युवाओं को तकनीक का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया में अफवाह और नकारात्मक खबरों का चलन बढ़ गया है, उससे बचने की जरुरत है। मनोबल और उत्साह के साथ आदर का भाव रखते हुए आगे बढ़े। इन योजनाओं का लाभ उठाकर सभी केवल बड़े पदाधिकारी ही नहीं बल्कि उससे और आगे जाएं, काबिलियत हासिल करें, विद्वान बनें। उन्होंने कहा कि सभी को डॉ. भीमराव अंबेडकर से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि किसी वर्ग में जन्म लेने पर भी संघर्ष कर उच्च शिक्षा प्राप्त की जा सकती है और अंत में वे देश के संविधान निर्माता बने।
Published on:
15 Aug 2018 12:35 pm
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