26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Success Story: मां मजदूर, पिता ड्राइवर और बेटा बना सबसे कम उम्र का IAS, फिल्म देखने के अलावा इन चीजों का है शौक

यह कहानी है एक ऐसे युवा की जो महाराष्ट्र के जालना जैसे पिछड़े इलाके से आता है जहां बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। आर्थिक तंगी और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद इस युवा ने हिम्मत नहीं हारी। सीमित संसाधनों और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने खुद को साबित किया और पश्चिम बंगाल कैडर में IAS बने। यही हैं अंसार अहमद शेख जिन्होंने 2016 में UPSC परीक्षा में AIR 361 हासिल कर देश के सबसे कम उम्र के IAS अधिकारी बनने का रिकॉर्ड बनाया।

2 min read
Google source verification
Ansar Sheikh IAS

Ansar Sheikh IAS(Image-Instagram/@i_am_ansarshaikh)

अगर आपके हौसले बुलंद हों तो सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती। इस बात को महाराष्ट्र के जालना जिले के रहने वाले अंसार अहमद शेख ने सच साबित कर दिया। अंसार ने 21 साल की बहुत कम उम्र में UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2016 में AIR 361 हासिल कर सबको हैरान कर दिया। सीमित संसाधनों और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने खुद को साबित किया। परिवार और दोस्तों की मदद से उन्होंने दिन-रात पढ़ाई की और पश्चिम बंगाल कैडर में IAS अधिकारी बने। अंसार की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सपनों को सच्चाई में बदलना चाहते हैं।

‎Success Story: आर्थिक चुनौतियों को दी मात


‎अंसार का जन्म 1 जून 1995 को महाराष्ट्र के जालना में हुआ था। स्नातक में उन्होंने 73 प्रतिशत अंक हासिल किए और फिर IAS बनने का सपना देखा। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि फीस चुकाना भी मुश्किल था, लेकिन फिर भी उनके परिवार ने हर संभव मदद की। कोचिंग एकेडमी ने उनकी हालात देखकर फीस का एक हिस्सा माफ कर दिया और दोस्तों ने मानसिक व आर्थिक सहयोग दिया। उनके मेंटर राहुल पांडवे ने भी उनका मार्गदर्शन किया

2 साल की रणनीतिक तैयारी

अंसार की तैयारी की रणनीति एकदम सटीक थी। पहले छह महीने उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान पर फोकस किया फिर सामान्य अध्ययन और करेंट अफेयर्स की तैयारी की। अंसार रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते थे। वहीं मुख्य परीक्षा के लिए उन्होंने रोज 14-15 घंटे लगातार तैयारी की। आखिर के 40 दिनों मे उन्होंने इंटरव्यू के लिए तैयारी की। अंसार ने मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू दोनों ही मराठी में दिए थे।

Success Story: खुद ने किया संर्घष, अब चाहते हैं बदलाव

‎अंसार कहते हैं कि उन्हें पिछड़ा इलाका, गरीब परिवार और अल्पसंख्यक समुदाय इन तीनों स्तरों पर काफि संर्घष करना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने खुद को साबित किया। वे कहते हैं मैं एक प्रशासक के तौर पर इन सभी मुद्दों से निपटूगां क्योंकि, मैंने इन्हे करीब से देखा है। अंसार ने अपनी सफलता पर कहा कि, मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता और यह उनके जीवन की सबसे बड़ी सीख रही।

यह शौक भी रखते है आइएएस अंसाार

‎स्वप्नदर्शी, आशावादी और धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाले अंसार जीवन में सकारात्मक नजरिया रखते हैं। उन्हें यात्रा करना संगीत सुनना और फिल्में देखना बेहद पसंद है। उनका मानना है कि यह रुचियां उनके मन को संतुलित रखती हैं और उन्हें नई ऊर्जा देती हैं। अंसार शेख की सफलता महज सफलता की कहानी नहीं है बल्कि, उम्मीद और संघर्ष की मिसाल है जो हर उस युवा को प्रेरित करती है जो मुश्किल हालात में भी सपनों को उड़ान देना चाहता है।