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Success Story: जेईई में हासिल किया 12वीं रैंक, IIT Delhi से पढ़ाई, पंजाब के गांव से निकलकर विदेश पहुंचने तक ऐसा रहा इस Topper का सफर

JEE Success Story Of Punjabi Girl: सुमेघा गर्ग पंजाब के भटिंडा जिले की रहने वाली हैं। वे बचपन से ही पढ़ने में तेज थीं। सुमेघा ने वर्ष 2011 में जेईई परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल की थी।

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JEE Success Story Of Punjabi Girl

JEE Success Story Of Punjabi Girl: लड़की हो या लड़का हुनर और प्रतिभा सभी के अंदर होती है, जरूरत है तो बस समझने की। कुछ ऐसी ही कहानी है पंजाब की इस बेटी कि जिसने पंजाब से विदेश तक का सफर तय किया और इस सफर में उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी शिक्षा। हम बात कर रहे हैं सुमेघा की, जिन्होंने सभी लड़कियों के लिए ये उदाहरण पेश किया कि आज के समय में लड़कियों की सबसे बड़ा हथियार है उनकी शिक्षा। सुमेघा ने IIT की प्रवेश परीक्षा जेईई में टॉप किया और फिर अपने सभी सपनों को पूरा किया। आइए, जानते हैं उनकी सफलता की कहानी

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भाई से प्रेरणा लेकर हासिल की सफलता (Success Story) 

सुमेघा गर्ग पंजाब (Punjabi Girl Success Story) के भटिंडा जिले की रहने वाली हैं। वे बचपन से ही पढ़ने में तेज थीं। सुमेघा ने वर्ष 2011 में जेईई परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल की थी, इसी के साथ उन्होंने लड़कियों में टॉप किया। सुमेघा ने अपने भाई के नक्शे कदम पर चलकर ये उपलब्धि हासिल की है। बता दें, सुमेघा के बड़े भाई ने वर्ष 2007 में आईआईटी-जेईई में छठी रैंक हासिल की थी। सुमेघा को हमेशा से अपनी तैयारी पर भरोसा था और उन्हें उम्मीद थी कि वे इस परीक्षा में पास कर जाएंगी लेकिन उन्हें कभी भी टॉप करने की उम्मीद नहीं की थी।

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IIT के बाद PhD की डिग्री हासिल की 

सुमेघा ने जेईई परीक्षा पास करने के बादIIT Delhi से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में PhD की डिग्री हासिल की। यही नहीं उनके LinkedIn प्रोफाइल में दी जानकारी के अनुसार, वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में विजिटिंग स्टूडेंट्स भी रही हैं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में राबिन पोस्टडॉक्टोरल फेलो के रूप में भी काम किया है।

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लड़कियां किसी से कम नहीं

जेईई में टॉप करने वाली सुमेघा इन दिनों अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टोरल स्कॉलर के रूप में काम कर रही हैं। उनका परिवार साधारण है, लेकिन शिक्षा के प्रति जागरुक है। सुमेघा के दादा स्थानीय अनाज मंडी में कमीशन एजेंट हुआ करते थे। वहीं उनकी मां उर्मिला देवी शिक्षिका हैं। पहले सुमेघा डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन फिर उन्होंने IIT JEE परीक्षा क्रैक करने का फैसला लिया। सुमेघा का मानना है कि दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो लड़कियां नहीं कर सकती हैं। लड़कियों को अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा रखना चाहिए।