कर्नाटक में एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ स्कूल्स (केएएमएस) के महासचिव डी. शशिकुमार D. Sashikumar ने मंगलवार को कहा, स्वतंत्रता दिवस के दिन निजी स्कूलों के प्रमुख और शिक्षक काली पट्टी पहनेंगे। विभिन्न नियमों का हवाला देकर शिक्षा विभाग के अधिकारी हमें व्यवस्थित रूप से परेशान कर रहे हैं। पुराने स्कूलों में अग्निशामक यंत्र लगाने की बात से लेकर हर साल मान्यता प्रमाणपत्रों के नवीनीकरण तक, शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है।निजी स्कूल प्रबंधन संघों ने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों से शिक्षा विभाग अपने अधीन आने वाले संस्थानों के लिए किसी भी सुसंगत नियम का पालन किए बिना रोजाना आदेश जारी कर रहा है। अग्नि सुरक्षा, लोक निर्माण, राजस्व, बाल अधिकार आयोग और पुलिस सहित अन्य विभाग भी उत्पीडऩ में लिप्त हैं और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए रिश्वत मांगते हैं।
शशिकुमार ने कहा, कर्नाटक Karnataka उच्च न्यायालय ने पांच महत्वपूर्ण मामलों में कई सरकारी परिपत्रों को रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं, न्यायालय ने सवाल उठाया कि शिक्षा विभाग अपने सरकारी स्कूलों में यही नियम क्यों नहीं लागू करता है। इन निरस्त आदेशों के खिलाफ शिक्षा विभाग की अपील भ्रष्टाचार को कायम रखने का प्रयास है।
पिछले 20 महीनों में, नई सरकार भी अदालती आदेशों का सम्मान करने और संस्थानों की चिंताओं को दूर करने में विफल रही है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा से कई बार अपील करने के बावजूद, भ्रष्टाचार को रोकने या समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।