8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूजीसी का बड़ा फैसला! CUET UG के बाद सीटें खाली रहने पर चालू रहेगी एडमिशन प्रक्रिया

CUET UG College Admission: यूजीसी चीफ एम जगदीश का कहना है कि कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में तीन या चार दौर की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं। ऐसे में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पास अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने या योग्यता परीक्षा में अंकों के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने का विकल्प रहेगा।

less than 1 minute read
Google source verification
CUET UG

CUET UG College Admission: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अंडर ग्रेजुएशन छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। UGC ने कहा है कि यदि CUET के माध्यम से प्रवेश के बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पास अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने या योग्यता परीक्षा में अंकों के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने का विकल्प रहेगा। हालांकि, सीयूईटी स्कोर छात्रों के प्रवेश के लिए प्राथमिक मानदंड रहेगा।

क्या है यूजीसी का कहना (UGC Chief)

यूजीसी चीफ (UGC Chief) एम जगदीश (M Jagadesh) का कहना है कि कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में तीन या चार दौर की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं। वहीं कुछ छात्र हैं जो किसी कारणवश समय रहते दाखिला नहीं ले पाते हैं। UGC चीफ ने कहा ऐसे में न सिर्फ संसधानों की बर्बादी होती है बल्कि छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

यह भी पढ़ें: सिर्फ सरकारी नौकरी वालों के बच्चे ही ले सकते हैं दाखिला?…जानिए

विश्वविद्यालय अपनी खाली सीटों को भरने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर रहे हैं। सीयूईटी यूजी परीक्षा में शामिल हुए छात्र, जिन्होंने पहले विश्वविद्यालय में आवेदन नहीं किया था, उन्हें भी विचार किया जाएगा। सीयूईटी परीक्षा में शामिल हुए कैंडिडेट्स को उनकी विषय पत्र की परवाह किए बिना प्रवेश के लिए विचार किया जा सकता है। विश्वविद्यालय किसी विशेष पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए डोमेन विषय-विशिष्ट मानदंडों में ढील दे सकता है।

विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करा सकता है

बता दें, यूजीसी के इस फैसले के बाद सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय जिनके पास सीयूईटी यूजी स्कोर के आधार पर दाखिले के बाद भी सीटें खाली रहेंगी, वे विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा कराने पर विचार कर सकता है या संबंधित विभाग एक स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित कर सकता है।