
आज के समय में जितना क्रेज यूपीएससी परीक्षा या सिविल सेवा का है, उतनी ही मांग कोचिंग संस्थानों की है। यूपीएससी में सफलता दिलाने के भरोसे पर कई ऐसे कोचिंग संस्थान हैं जो छात्रों से मोटी रकम वसूलते हैं। इस दौर में एजुकेशन सिस्टम और शिक्षा पूरी तरह से बाजारवाद के शिकार हो गए हैं। ऐसे में गरीब और आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभ्यर्थियों के मन में एक संदेह पैदा होता है कि कहीं सेल्फ स्टडी करने से तैयारी की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता तो नहीं होगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह कहना है बिहार की बेटी अन्नपूर्णा सिंह का जिन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा 2023 में 99वीं रैंक प्राप्त किया है। अन्नपूर्णा का मानना है कि यूपीएससी निकालने के लिए कोचिंग की आवश्यकता नहीं है।
मालूम हो कि यूपीएससी ने सीएसई परीक्षा 2023 का परिणाम (UPSC Result 2023) जारी कर दिया। बिहार से आने वाली अन्नपूर्णा सिंह ने यूपीएससी में 99वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। वे बचपन से ही पढ़ने में तेज थीं। अन्नपूर्णा की 12वीं तक की पढ़ाई पटना स्थित डीएवी खगौल स्कूल से हुई है, जिसके बाद उन्होंने बेंगलुरु की PES यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स किया। अन्नपूर्णा के लिए यूपीएससी का सफर आसान नहीं था। उन्होंने इसके लिए अपनी अच्छी खासी जॉब छोड़ दी। बता दें, अन्नपूर्णा यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE) परीक्षा देने से पहले मशहूर कंपनी इंटेल में सेमीकंडक्टर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थीं।
अन्नपूर्णा सिंह ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में बताया कि यूपीएससी में उनका ऑप्शनल विषय (UPSC Optional Subject) भूगोल था। उन्होंने कहा, “मेरा ऑप्शनल विषय भूगोल था जबकि मैं इससे पहले इंजीनियिरिंग की स्टूडेंट थी। ऐसे में मैंने भूगोल में फाउंडेशन क्लासेज की मदद ली थी। लेकिन वो कोरोना का टाइम था तो मैंने ऑनलाइन क्लास किया था।”
अन्नपूर्णा आगे कहती हैं कि यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने में कोचिंग की कोई खास आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अभ्यर्थियों को सही दिशा-निर्देश और मेंटर की जरूरत शुरुआत से ही पड़ती है, जिसके लिए आप यूट्यूब की मदद ले सकते हैं। किसी टेक्निकल और ऑप्शनल विषय (UPSC Optional Subject) के लिए कुछ छात्रों को शिक्षक की जरूरत पड़ती है। लेकिन इसके लिए कोचिंग एक मात्र विकल्प नहीं है। आज के समय में सारी चीजें यूट्यूब पर उपलब्ध है। अब तो टॉपर्स अपने नोट्स ऑनलाइन शेयर करने लगे हैं।
बता दें, यह अन्नपूर्णा का दूसरा प्रयास था और अपने दूसरे अटेम्पट में ही वे 99वीं रैंक होल्डर बनीं। जब हमने उनसे पूछा कि पहले प्रयास में असफल होने के बाद उन्होंने क्या स्ट्रैटजी अपनाई तो अन्नपूर्णा ने कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा (मेन्स) परीक्षा के लिए उन्होंने अपनी स्पीड पर काम किया। उनके एक दो विषय में नंबर कम थे, तो पुराने टॉपर्स की कॉपियां देखना शुरू किया और जमकर मेहनत की।
अन्नपूर्णा ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से कहा कि एक प्रयास के बाद नॉलेज और पढ़ाई के स्तर पर सब एक बराबर हो जाते हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि हम इतने प्रेशर में और कम समय में खुद पर कैसे काम करते हैं। सिविल सेवा परीक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए निरंतरता बेहद जरूरी है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। अन्नपूर्णा ने कहा कि मेहनत तो सभी करते हैं, मैंने भी की। लेकिन सब ईश्वर के हाथ में है।
Updated on:
18 Apr 2024 11:00 am
Published on:
17 Apr 2024 06:25 pm
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