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11 नवंबर को ही क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है National Education Day?

क्या आप जानते हैं कि देश के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे? या 11 नवंबर को ही क्यों National Education Day मनाया जाता है। दरअसल, देश के पहले शिक्षा मंत्री के योगदान को याद करने और सम्मान देने के लिए यह मनाया जाता है।

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भारत

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Anurag Animesh

Nov 11, 2025

Maulana Abul Kalam Azad

Why we celebrate National Education Day on 11 november(Image-'X'/@MaulanaAzad1888)

National Education Day In India: हर साल 11 नवंबर को भारत में National Education Day(राष्ट्रीय शिक्षा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद(Maulana Abul Kalam Azad) (1888–1958) की जयंती के अवसर पर उनके योगदान को याद करने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने भारत की आधुनिक शिक्षा प्रणाली की मजबूत नींव रखी थी। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री (1947-1958) के रूप में मौलाना आजाद ने यह सुनिश्चित किया कि देश में शिक्षा सभी तक पहुंचे। उन्होंने ऐसी शिक्षा नीति की कल्पना की जो वैज्ञानिक सोच, सांस्कृतिक समृद्धि और समान अवसरों पर आधारित हो।

इन संस्थानों की रखी नींव


मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में कई अहम संस्थानों की स्थापना की गई ,जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs), साहित्य अकादमी (Sahitya Akademi), भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) शामिल है। इसके अलावा कई छोटे-बड़े काम शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया।

National Education Day: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास

भारत सरकार ने साल 2008 में पहली बार मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिन को शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान और शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के उनके विजन को सम्मान देने के लिए समर्पित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस सिर्फ एक नेता को श्रद्धांजलि देने का अवसर नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की शक्ति और उसके समाज पर प्रभाव की याद भी दिलाता है। इस दिन का उद्देश्य, शिक्षा के महत्व के बारे में जन-जागरूकता फैलाना और अलग-अलग पहलुओं पर काम करने के लिए रोडमैप तैयार करना है।

Maulana Abul Kalam Azad के प्रेरक विचार

बहुत से लोग पेड़ लगाते हैं लेकिन उनमें से कुछ को ही इसका फल मिलता है।

अपने मिशन में सफल होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ समर्पण होना चाहिए।

जीभ से सिखाने पर पसीना आ सकता है, लेकिन अच्छे कर्म से वह और मजबूत हो सकता है।

मैं उस अविभाज्य एकता का हिस्सा हूं जो भारतीय राष्ट्रीयता है।