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ये हैं दुनिया के सबसे कठिन शिक्षा प्रणाली वाले देश, जान लें कैसा है वहां का शिक्षा व्यवस्था, भारत का नाम भी शामिल

दुनिया के सभी देशों में पढ़ाई-लिखाई का सिस्टम अलग-अलग है। किसी देश में छात्रों को खेल-कूद के साथ-साथ पढ़ाई करवाया जाता है, तो कहीं शुरू से ही बच्चों को किताबी ज्ञान देने पर जोर दिया जाता है। आइये जानते हैं, दुनिया के कुछ देशों के एजुकेशन सिस्टम के बारे में।

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भारत

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Anurag Animesh

Nov 18, 2025

World’s Toughest Education System

World’s Toughest Education System(Image-Freepik)

World’s Toughest Education System: पढ़ाई छात्रों के जीवन को आकर देने में एक अहम और जरुरी भूमिका निभाता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में पढ़ाई की पद्धति भी अलग-अलग होती है। कई जगह शुरूआती स्कूली पढ़ाई को खेल-खेल में सिखाने की कोशिश की जाती है, तो कई देशों में किसी और तरीके से पढ़ाई होती है। दुनिया के कई देशों में पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह छात्रों की मानसिक मजबूती, अनुशासन और सहनशीलता की असली परीक्षा बन जाती है। कहीं घंटों की पढ़ाई, तो कहीं बेहद कठिन प्रवेश परीक्षाएं। हम आपको कुछ ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां की शिक्षा प्रणाली बहुत सख्त और अनुशासित है। जिससे इन देशों की शिक्षा प्रणाली युवाओं को शुरुआत से ही कड़ी प्रतिस्पर्धा के माहौल में ढाल देती है।

कठिन शिक्षा प्रणाली वाले देश

दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया की बात करें तो यहां छात्र पूरा दिन स्कूल में बिताने के बाद रात तक निजी ट्यूशन सेंटर्स में पढ़ाई जारी रखते हैं। इसके साथ ही प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन के लिए होने वाली कठिन प्रवेश परीक्षाएं भी स्टूडेंट्स पर भारी दबाव डालती है। लेकिन इससे छात्र शुरुआत से मजबूत और पढ़ाई-लिखाई में अच्छे हो जाते हैं।

जापान
जापानी शिक्षा प्रणाली में तर्क और विश्लेषण क्षमता पर विशेष जोर दिया जाता है। बचपन से ही छात्र क्रैम स्कूल्स में पढ़ाई करते हैं, जहां उनसे हर विषय में उच्च स्तर की निपुणता की अपेक्षा रहती है।

फिनलैंड
भारत में फिनलैंड के एजुकेशन सिस्टम की बहुत चर्चा होती है। भले ही फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली आरामदायक लगती है, पर इसके भीतर भी चुनौतियां छिपी हैं। उच्च और निम्न प्रदर्शन करने वाले छात्रों के बीच की दूरी, मित्र दबाव और विश्वविद्यालय प्रवेश की प्रतियोगिता छात्रों को तनाव से भर देती है। लेकिन इस दबाब के कारण उनकी पढ़ाई भी बेहतर हो जाती है।

चीन
चीन का मशहूर ‘गाओकाओ’ दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है। यहां छात्रों की दिनचर्या में 12 घंटे की पढ़ाई आम बात है, जिसमें माता-पिता और समाज दोनों का जबरदस्त दबाव शामिल होता है। हालांकि इतने घंटे की पढ़ाई छात्रों के ही हित में होती है, जिनसे उनका बेस मजबूत होता है।

सिंगापुर
सिंगापुर में 12 साल की उम्र से ही छात्रों को राष्ट्रीय परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है, जो आगे की पढ़ाई और करियर की दिशा तय करती हैं। मेरिट आधारित सिस्टम बच्चों से कम उम्र में ही कई विषयों में बढ़िया करने की की मांग करता है।

रूस
रूस में शिक्षा का आधार अनुशासन, याददाश्त और कठिन परीक्षाएं हैं। देश की यूनिफाइड स्टेट एग्जाम (EGE) विश्वविद्यालय में प्रवेश की मुख्य कुंजी है, जिसके लिए छात्र स्कूल के बाद भी अतिरिक्त ट्यूशन पर निर्भर रहते हैं।

हांग कांग
लगातार परीक्षाएं , गहन सिलेबस और उच्च प्रदर्शन की अपेक्षा यहां के छात्रों से लगातार मेहनत करवाती है। अधिकतर छात्र स्कूल के बाद ‘शैडो एजुकेशन’ यानी अतिरिक्त ट्यूशन पर निर्भर रहते हैं।

भारत में क्या है शिक्षा व्यवस्था?


भारतीय शिक्षा प्रणाली विशाल सिलेबस, रटने की परंपरा और कठिन प्रवेश परीक्षाओं के लिए जानी जाती है। आईआईटी-जेईई और नीट जैसी परीक्षाएं छात्रों के भविष्य और करियर को सीधे प्रभावित करती हैं, जिससे कम उम्र में ही दबाव बढ़ जाता है। लेकिन भारत में कई छात्र ऐसे होते हैं जो अपनी तेज बुद्धि से स्कूली पढ़ाई से ही बेहतर सीख रहे होते हैं।