यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फिजियोथेरेपी के ग्रेजुएशन प्रोग्राम में योगा का डिप्लोमा रखने वालों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। UGC ने अपने आदेश में कहा कि योगा में कम से कम 1 साल का डिप्लोमा रखने वाले कैंडिडेट्स को एडमिशन प्रक्रिया के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि दूसरी ओर CBSE का कहना है कि एडमिशन के लिए कैंडिडेट का योग्यता के पैमाने पर खरा उतरना अनिवार्य होगा। गौर हो UGC ने सभी कैंडिडेट्स के लिए एडमिशन लेने के लिए योग्यता का एक ही पैमाना रखा है। योगा डिप्लोमा धारकों के लिए फिजियोथेरेपी के बैचलर या मास्टर प्रोग्राम में एडमिशन के लिए योग्यता का कोई अलग पैमाना नहीं तैयार किया गया है।
हालांकि पहले यूजीसी ने UGC ने योगा में डिप्लोमा रखने वाले छ़ात्रों को एडमिशन प्रक्रिया में प्राथमिकता देने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इतना ही नहीं UGC की हायर अथॉरिटी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का खत को सभी यूनिवर्सिटीज को भेज दिया है, साथ ही यह सुझाव दिया है कि एडमिशन प्रक्रिया के दौरान मंत्रालय की सिफारिशों को फॉलो किया जाए। पत्र में बताया गया कि योगा में एक साल का डिप्लोमा रखने वाले कैंडिडेट्स को परीक्षा में स्कोर किए गए उनके मार्क्स के आधार पर ही प्राथमिकता दी जाएगी। चयन के बाकी पैमाने अन्य कैंडिडेट्स के जैसे ही होंगे।