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यूपी विधानसभा चुनाव पर बड़ी ख़बर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव पोस्टपोन करने का किया आग्रह, जानिए क्यों

locationप्रयागराजPublished: Dec 23, 2021 10:48:34 pm

Submitted by:

Vivek Srivastava

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव को पोस्टपोन करने का अनुरोध किया है। दरअसल, कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनावों को पोस्टपोन करने का अनुरोध किया है।

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Allahabad High court File Photo

प्रयागराज. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी खबर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव को पोस्टपोन करने का अनुरोध किया है। दरअसल, कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनावों को पोस्टपोन करने का अनुरोध किया है। जस्टिस शेखर ने कहा कि, “यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनाव रैलियों पर रोक लगाई जाए। उनसे कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। वह पार्टियों की चुनावी सभाएं व रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।” जस्टिस शेखर ने ये टिप्पणी जेल में बंद आरोपी एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की थी।
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न्यायालय ने क्या-क्या कहा

ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव ने काफी लोगों को संक्रमित किया। इससे लोग मौत के मुंह में गए। अब फिर से यूपी में विधानसभा चुनाव निकट है। इसके लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं। रैलियों में किसी भी प्रकार से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है। इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो स्थिति दूसरी लहर से ज्यादा भयावह होगी। ऐसी दशा में चुनाव आयुक्त से न्यायालय का अनुरोध है कि इस प्रकार की रैली और सभाओं पर तत्काल रोक लगाए। आयुक्त पार्टियों को आदेशित करें कि वह अपना प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। संभव हो तो फरवरी में होने वाले चुनाव को भी एक-दो महीने के लिए टाल दें। जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है।
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