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West Bengal Assembly Elections 2021: कोलकाता पुलिस ने रैली से एक दिन पहले आवेदन कर दिया था रद्द, AIMIM ने लगाया यह आरोप

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी भी बंगाल चुनाव में प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी कितने सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी, इसका ऐलान 27 मार्च को किया जाएगा।  

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Ashutosh Pathak

Mar 24, 2021

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नई दिल्ली।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन यानी एआईएमआईएम भी अपनी ताकत आजमाएगी। हालांकि, आवैसी अभी यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि उनकी पार्टी राज्य में कितने सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी, मगर उन्होंने यह जरूर संकेत दिया कि पहले चरण के लिए होने वाली वोटिंग के दिन वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे और तभी वह इसका खुलासा करेंगे।

ओवैसी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम चुनाव जरूर लड़ेगी। जहां तक सीटों की बात है, तो इसका खुलासा आगामी 27 मार्च को बंगाल के सागरदिघी में आयोजित एक चुनावी जनसभा में करूंगा। बता दें कि 27 मार्च को ही पहले चरण के लिए वोटिंग होनी है। राज्य में आठ चरणों में मतदान होने हैं। कुल 294 सीटों पर चुनाव होने हैं। इसके परिणाम 2 मई को आएंगे।

पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं दी थी
गौरतलब है कि ओवैसी गत 25 फरवरी को भी कोलकाता में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने वाले थे, मगर कोलकाता पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी, जिसके बाद इस जनसभा को रद्द करना पड़ा। एआईएमआईएम से जुड़े कुछ नेताओं की मानें तो आवैसी को अल्पसंख्यक बहुल मोतियाबुर्ज क्षेत्र में रैली करनी थी। वह इसी रैली से राज्य में विधानसभा चुनाव में प्रचार का आगाज करना चाहते थे, मगर ऐन वक्त पर रैली को इजाजत नहीं दी गई। रैली की अनुमति ने पार्टी के स्थानीय नेताओं ने करीब दस दिन पहले ही कोलकाता पुलिस को आवेदन दिया था, मगर पुलिस ने रैली से एक दिन पहले यानी 24 फरवरी को सूचित किया कि रैली को अनुमति नहीं दी जा सकती।

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ममता ने कहा- भाजपा की बी टीम हैं ओवैसी
हालांकि, राज्य में ओवैसी की आमद को लेकर दूसरे दल अपनी-अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी भी कह चुकी है कि बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी की कोई खास भूमिका नहीं होगी, क्योंकि वह भाजपा की बी-टीम हैं। ममता ने यह भी कहा कि उनकी असलियत बिहार चुनाव में सामने आ चुकी है।

पीरजादा भी आजमा रहे किस्मत
राज्य में पीरजादा भी इस बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पीरजादा ने पिछले चुनाव में ममता बनर्जी का साथ दिया था, जिसकी वजह से अल्पसंख्यक वोट उन्हें मिले थे और उनकी जीत पक्की हो सकी थी, मगर कुछ वजहों से पीरजादा इस बार ममता से नाराज हैं और उन्हें समर्थन नहीं दे रहे। ओवैसी से उनकी मुलाकात हुई थी, मगर कुछ मुद्दों को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी, जिसके बाद दोनों ही अकेले चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। हालांकि, पीरजादा का समर्थन कांग्रेस को है, जिससे कांग्रेस के कई नेता पार्टी के इस फैसले से खुश नहीं हैं।

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8 चरणों में वोटिंग, 2 मई को रिजल्ट
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।