
एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल
नई दिल्ली। असम विधानसभा चुनाव ( Assam Assembly Elections 2021 ) में राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हैं। लेकिन बीजेपी जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा विरोधी कांग्रेस को घेर रही है वो है एआईयूडीएफ चीफ मौलाना बदरुद्दीन अजमल के साथ गठबंधन। बदरुद्दीन अजमल का साथ बीजेपी को रास नहीं आ रहा है। यही वजह है कि इस चुनाव से पहले बदरुद्दीन अजमल सुर्खियों में बने हुए हैं।
हालांकि ये पहली बार नहीं जब बदरुद्दीन अजमल सुर्खियों में हैं। अपने विवादित बयानों को लेकर वे कई बार चर्चा में रह चुके हैं। आइए जानते हैं असम चुनाव से इस प्रमुख किरदार के बारे में।
बदरुद्दीन अजमल असम में ताकतवर और असरदार मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं। इस पकड़ प्रदेश की अच्छी खासी मुस्लिम आबादी पर है। यही वजह है कांग्रेस ने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन कर चुनाव में जीत के लिए अपना बड़ा दांव चला है।
साल 2005 में बदरूद्दीन अजमल ने जमीयत उल हिंद में रहते हुए ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट यानि एआईयूडीएफ नाम से अलग राजनीतिक पार्टी बनाई।
अगले वर्ष यानी 2006 में AIUDF ने विधानसभा चुनावों में पहली बार हाथ आजमाया था। नतीजा भी बेहतरीन रहा और पार्टी ने 10 सीटें जीत लीं।
यही नहीं बदरुद्दीन अजमल खुद 2006 के विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाने उतरे और एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ा भी और जीता भी। 2009 में धुबड़ी से लोकसभा सांसद का चुनाव जीता। तब से वो लगातार यहां से सांसद बने हुए हैं।
लेकिन पिछले 15 वर्षों में ये पार्टी काफी मजबूत हो चुकी है। असम विधानसभा चुनाव 2021 में एआईयूडीएफ पार्टी बड़ी ताकत बन चुकी है। यही वजह है कि कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन ने बीजेपी की नींद उड़ा रखी है। बीजेपी के तमाम शीर्ष नेता अपने भाषणों पर इस गठबंधन खास तौर पर बदरुद्दीन अजलम पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं।
ऐसे रहा विवादों से नाता
मुस्लिम वोट बैंक पर पकड़ मजबूत होने के साथ-साथ मौलाना बदरुद्दीन अपने विवादित बयानों को लेकर भी सुर्खियां बंटोर चुके हैं। वर्ष 2018 दिसबंर में सांसद बदरुद्दीन अजमल तब चर्चा में थे, जब उन्होंने एक पत्रकार को ना सिर्फ गाली दी थी, बल्कि सिर फोड़ने की धमकी भी दी।
अजमल पत्रकार के एक सवाल पर बौखला गए थे और पत्रकार को अपशब्द तक कह डाले। यही नहीं बदरुद्दीन पर भाषणों के जरिए मुसलमानों का ध्रुवीकरण करने का आरोप विपक्ष हमेशा से लगाता रहा है।
इत्र और रियल एस्टेट के कारोबार से मिली पहचान
बदरुद्दीन के राजनीति में आने से पहले वे अपने इत्र के बिजनेस में नाम कमा रहे थे। अजमल के बनाए इत्र ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी निर्यात होते हैं।
दुबई समेत खाड़ी के करीब सभी देशों में अजमल के इत्र के बड़े शोरूम हैं।
इत्र के कारोबार के अलावा बदरुद्दीन का रियल एस्टेट का भी भी बिजनेस है। यही नहीं इनके अलावा वे लैदर, कपड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा संबंधी क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं।
ऐसे बनाई अपनी लोकप्रियता
बदरुद्दीन ने असम की परंपरागत वेशभूषा और ठेठ अंदाज के चलते स्थनीय लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। सिर पर गोल टोपी, लंबी दाढ़ी और परंपरागत असमिया गमछा में रहने वाले अजमल सफ़ेद कुर्ता-पायजामा पहने होते हैं।
ऐसे में उनकी ये परंपरागत छवि लोगों खास तौर पर मुस्लिमों को आकर्षित करने के साथ अपनेपन का एहसास कराती है।
बीजेपी का बदरुद्दीन पर आरोप
असम विधानसभा चुनाव 2021 में बीजेपी लगातार बदरुद्दीन अजमल पर हमलावर रही है। बीजेपी का आरोप है कि अजमल घुसपैठियों को शरण देते हैं। एआईयूडीएफ और कांग्रेस की चोड़ी सत्ता में आई तो बाहरी लोगों के लिए दरवाजे खुल जाएंगे।
Published on:
17 Mar 2021 09:52 am
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