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UP Assembly Elections 2022 : पहली सूची में जातीय संतुलन साधने के साथ भगदड़ रोकने की कोशिश, दो विधायकों के कटे टिकट

UP Assembly Elections 2022 भाजपा की पहली जारी सूची में जातीय संतुलन साधने की कोशिश के साथ ही पार्टी में मची भगदड़ को रोकने की भी कोशिश की गई है। भाजपा ने इस सूची में पहले चरण के चुनाव के साथ दूसरे चरण के उम्मीदवारों की भी सूची जारी की है।

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Jan 15, 2022
UP Assembly Elections 2022 : पहली सूची में जातीय संतुलन साधने के साथ भगदड़ रोकने की कोशिश, दो विधायकों के कटे टिकट

UP Assembly Elections 2022 भाजपा में पिछले दिनों से मची भगदड़ से पार्टी नेतृत्व काफी परेशान थे। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दावेदारों की सूची जारी करने में काफी मंथन चल रहा था। यहीं कारण है कि पार्टी ने पहली सूची में जातीय संतुलन के साथ साथ महिलाओं को टिकट देकर विपक्षियों को यह जताने की कोशिश की है कि आधी आबादी को भी भाजपा में वरीयता दी जाती है। पार्टी ने जारी की गई पहली सूची में 44 ओबीसी,19 एसीसी और 10 महिलाओं को टिकट दिया है। 10 फरवरी को पहले चरण में मेरठ समेत कई जिलों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने 21 जनवरी को नामांकन की अंतिम तिथि घोषित की है। जिसके पहले प्रत्याशियों की सूची जारी करनी होगी। पश्चिम उप्र में सपा-रालोद गठबंधन के बाद उभरे नए राजनीतिक समीकरण भाजपा की आंखों में चुभ रहे हैं। वहीं पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने के बाद मची भगदड़ से भी आलाकमान अलर्ट मोड पर आ गए थे। यहीं कारण है कि पार्टी ने पश्चिमी उप्र की अधिकांश सीटों पर वर्तमान विधायकों पर ही भरोसा जताया है।


मेरठ में तीन सीटों पर बदले उम्मीदवार
भाजपा ने मेरठ में तीन सीटों पर नए उम्मीदवारों को टिकट जारी किया है। इन उम्मीदवारों में मेरठ कैंट से अमित अग्रवाल को टिकट दिया है। बता दें कि निवर्तमान विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल 80 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके थे और उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई थी। वहीं सिवाल खास से विधायक जितेंद्र सतवाई का टिकट काटा है। विधायक जितेंद्र सतवाई के स्थान पर मनिंदर पाल को टिकट दिया है। मनिंदर पाल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे कोपरेटिव बैंक के चेयरमैन भी हैं।


कई दिनों से चल रहे मंथन के बाद जारी की सूची
नई दिल्ली में पश्चिम उप्र के टिकटों को लेकर काफी मंथन चल रहा था। प्रत्याशियों की पहली सूची को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बता दे कि पश्चिम यूपी की 71 सीटों में भाजपा के 50 विधायक हैं, जिसमें प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश राणा, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग, डा. धर्मसिंह सैनी, अनिल शर्मा एवं दिनेश खटीक शामिल हैं। विस चुनाव 2022 में इन दिग्गजों के अलावा क्षेत्रीय इकाई की भी साख फंसी हुई थी। पश्चिम उप्र किसान आंदोलन का केंद्र रहा है। यहां जाट-गुर्जर फैक्टर एवं मुस्लिमों की आबादी ज्यादा होने से भाजपा की डगर इस बार आसान नहीं है।


मेरठ को लेकर उलझी दिल्ली
जिले की सात विस सीटों में से कैंट का समीकरण ज्यादा उलझा हुआ था। इस पर वैश्य वर्ग का दावा पुख्ता था। इस दावे पर अमित अग्रवाल खरे उतरे। दक्षिण विस सीट पर गुर्जर उम्मीदवार के रूप में एक बार फिर से सोमेंद्र तोमर पर दाव खेला है। शहर पर ब्राहमण, किठौर पर त्यागी-गुर्जर, सिवालखास पर जाट, जबकि सरधना पर ठाकुर चेहरे पर पार्टी ने दाव लगाया है। इन सीटों में से चार पर वर्तमान विधायक ही उतारें गए हैं। ऐसा ही पश्चिमी उप्र की अन्य सीटों पर है। जहां पर पार्टी ने निवर्तमान विधायकों को ही उतारा है।

Published on:
15 Jan 2022 02:52 pm
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