बता दें कि वाराणसी में आखिरी चरण में सात मार्च को मतदान होना है। इसके लिए वाराणसी सहित पूर्वांचल के नौ जिलों के 50 से अधिक सीटों के प्रत्याशियों ने अपने स्तर से जनसंपर्क तेज कर दिया है। लेकिन आमजन को ज्यादा प्रभावित करने के लिए प्रत्याशी अन्य स्टार प्रचारकों के साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को बुलाने की चाह रख रहे हैं। उनकी मांग है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाराणसी में रहें और डोर टू डोर संपर्क करें।
ये भी पढें- UP Assembly Election 2022; छठवें व सातवें चरण के चुनाव में परचम लहराने को काशी में बनेगी रणनीति, आ रहे हैं BJP के चाणक्य अमित शाह प्रचार के अंतिम दिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के रोड शो व डोर टू डोर जनसंपर्क के लिए जोर देने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाल है। बता दें कि पिछली बार प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में तीन दिन प्रवास किया था और अंतिम दिन तक वो लोगों के बीच जाते रहे, भले ही उन्होंने जनसभा ही की हो पर उसका परिणाम बीजेपी के खाते में गया था। खास तौर पर शहर दक्षिणी में जहां से कांग्रेस प्रत्याई राजेश मिश्र काटें के संघर्ष में नीलकंठ तिवारी से महज 17 हजार मतों से हार गए थे। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशियों की चाह है कि राहुल व प्रियंका अगर अंतिम दिन वाराणसी में रहे तो परिणाम सकारात्मक हो सकता है।
वैसे कांग्रेस प्रत्याशियों और संगठन की ओर से केंद्रीय नेतृत्व से जो मांग की जा रही है उसके तहत राहुल व प्रियंका के अलवा सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, इमरान प्रतापगढ़ी पहली पसंद है। वैसे कांग्रेस बतौर स्टार प्रचारक, सुप्रिया श्रीनेत, विजेंद्र सिंह की भी मांग की जा रही है। प्रत्याशियों की मांग के अनुरूप कांग्रेस का स्थानीय संगठन अपने स्तर से बड़े नेताओं के कार्यक्रम तय करने में जुटा है। कांग्रेस भी बीजेपी की तर्ज पर वाराणसी को ही केंद्र बना कर पूर्वांचल को साधने की रणनीति तय करने में जुटे हैं।
वैेसे पार्टी के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे का कहना है कि सभी बड़े नेता अभी चौथे और पांचवें चरण के चुनाव में व्यस्त हैं। ऐेसे में इन दोनों चरण के लिए प्रचार कार्य पूरा होने के बाद वो पूर्वांचल की ओर रुख करेंगे।