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क्या होती है आदर्श चुनाव आचार संहिता? चुनाव की घोषणा के बाद 05 राज्यों में अब नहीं होंगे ये काम

What is Model Code Of Conduct: Election Commission Of India यानी भारतीय चुनाव आयोग ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत 05 राज्यों के लिए विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। तारीखों की घोषणा होते ही मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। क्या होती है ये आचार संहिता, जिसे लागू होने के साथ ही कई काम रुक जाते हैं...

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What is Model Code Of Conduct: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव (Assembly Election Schedule 2023 ) की तारीखों का ऐलान हो गया है। इलेक्शन कमीशन द्वारा चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई। इस कोड के लागू होते ही सरकारी मशीनरी चुनाव आयोग के नियंत्रण में आ जाती है। आदर्श आचार संहिता तब हटती है जब मतदान और मतगणना के बाद नतीजों की आधिकारिक घोषणा हो जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं आदर्श चुनाव आचार संहिता क्‍या है और इसके क्‍या नियम-कायदे हैं।


किस राज्य में कब चुनाव

चुनाव आयोग ने घोषणा करते हुए बताया कि पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में 07 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। दक्षिणी राज्य तेलंगाना में वोटिंग डेट 13 नवंबर मिर्धरित की गयी है। वही छत्तीसगढ़ में 07 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 17 नवंबर और राजस्थान में 23 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 3 दिसम्बर को चुनाव के नतीजे आयेंगे।

आदर्श आचार संहिता के कारण किन कामों पर पाबंदी होती है

भारतीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद पर पाबंदी लग जाती है। नए कामों की स्वीकृति नहीं होती है। सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स-पोस्टर नहीं लगेंगे।

सरकारी वाहनों से सायरन हटा लिए जाएंगे। चौक-चौहारे से सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए दिए जाएंगे। सरकारी भवनों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो नहीं लगाये जाएंगे।

प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर सरकार के किसी भी विज्ञापन को नहीं चलाया जाएगा। हर तरह के प्रलोभन और लेन-देन से बचें। सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले कायदे-कानून को जान लें। नहीं तो आपकी एक पोस्ट आपको जेल के अंदर डलवा सकती है।

सरकारी भवन, गाड़ियां, विमान या बंगले का इस्तेमाल चुनावी प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। किसी भी राजनीतिक दल के नेता को रैली करने से प्रशासन से आदेश लेनी पड़ेगी। चुनावी रैली में धर्म, जाति के आधार पर वोट नहीं मांगा जाएगा।


कार्रवाई भी हो सकती है

चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले।वोट के लिए पैसे देना, वोटर्स को परेशान करना नेताओं और उनके समर्थकों पर भारी पड़ सकता है। व्यक्तिगत और तथ्यात्मक रूप से गलत टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।