
योगी आदित्यनाथ और विनय शंकर तिवारी
वाराणसी. UP Assembly Election 2022 के छठें चरण के लिए मंगलवार की शाम प्रचार का शोर थम गया। अब गुरुवार को मतदान होगा। लेकिन इस चरण में जहां यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर देश की निगाहें होंगी तो वहीं बीजेपी से समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू पर भी लोग टकटी लगाए हैं।
योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर
दरअसल छठवें चरण का चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए कहीं ज्यादा प्रतिष्ठापरक है। चुनौतीपूर्ण है। वजह एक तो वो खुद पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं उनके प्रभाव क्षेत्र में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के दिग्गज भी मैदान में हैं। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्नाथ का गढ़ माने जाने वाले पूर्वांचल के 10 जिलों की 57 सीटों में से बीजेपी ने 46 पर जीत हासिल की थी। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की एक तरह से ये अग्नि परीक्षा होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक तरफ जहां योगी आदित्यनाथ पर खुद भारी अंतर से जीत का दबाव होगा तो वहीं पिछले परिणाम में और सुधार को लेकर भी उन पर नजर होगी।
चिल्लूपार में कायम रहेगा हरिशंकर तिवारी परिवार का वर्चस्व!
उधर इसी चरण में गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट पर भी मतदान होना है जहां अब तक बीजेपी का खाता नहीं खुल सका है। यह सीट पूर्वांचल के ब्राह्मणों के नेता माने जाने वाली बाहुबली हरिशंकर तिवारी के वर्चस्व वाली सीट है। यहां से तिवारी 1985 से 2002 तक चुनाव जीतते रहे। फिर बढ़ती उम्र और अस्वस्थता के चलते उन्होंने इस सीट की विरासत अपने बेटे विनय शंकर तिवारी को सौंप दी। विनय तिवारी ने पिछला चुनाव बीएसपी के टिकट पर लड़ा और जीता था। लेकिन इस बार उन्होने पाला बदला और समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। ऐसे में देखना रोचक होगा कि क्या चिल्लूपार में तिवारी परिवार का वर्चस्व कायम रहता है या बीजेपी को खाता खोलने का मौका मिलता है।
अजय लल्लू और स्वामी प्रसाद पर भी निगाहें
इसके अलावा राजनीतिक पंडितों की निगाह बीजेपी से पाला बदल कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और तिनकुही राज से मोदी लहर में भी कांग्रेस का झंडा फहराने वाले यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू पर भी लगी है।
Published on:
02 Mar 2022 03:05 pm
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