हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि कुल मिलाकर, नोटा वोटों की हिस्सेदारी 2018 के चुनावों में 1.41% से घटकर इस बार 0.97 फीसदी हो गई। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में केवल एक सीट पर नोटा का वोट शेयर पांच फीसदी से अधिक रहा। 2018 में नोटा वोटों का सबसे बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ में था, जहां चार सीटों पर नोटा को 5 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। राजस्थान में केवल एक सीट पर नोटा ने पांच फीसदी का आंकड़ा पार किया था।