पिछले 3 चुनाव से एक ही दल को मिल रहा बहुमत अगर पिछले तीन विधानसभा चुनावों के नतीजों पर नज़र डालें तो एक बात के साफ है कि उत्तर प्रदेश में मतदाता किसी एक पार्टी को बहुमत दे रहे हैं। साल 2007 के चुनाव ने मायावती को 206 सीटों के साथ यूपी की सत्ता हासिल की। 2012 के चुनाव ने अखिलेश यादव को 224 सीटों के साथ यूपी के मुख्यमंत्री बने और 2017 में 312 सीटों के साथ योगी आदित्यनाथ यूपी की कमान संभाली।
बसपा व कांग्रेस अकेले दम पर लड़ रही है चुनाव साल 2022 में हो रहे विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा ने अपना दल (एस), निषाद पार्टी से गठबंधन किया। जबकि सपा ने ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा, पीएसपी समेत कई अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। वहीं कांग्रेस और बसपा अकेले दम पर चुनाव मैदान में है। यूपी में अब शेष बचे चरणों के चुनाव में में इन क्षेत्रीय क्षत्रपों के परीक्षा की घड़ी है। अब देखना यह है कि ये दल अपने आकाओं को जीत का इत्मीनान दिला पाते हैं या नहीं।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी राजभर समुदाय के प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 2017 के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करके चार सीटें हासिल की थीं। साल 2002 में स्थापित होने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रभाव क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश की लगभग दो दर्जन सीट पर माना जाता है। हालांकि राजभर दावा करते हैं कि उनका समाज प्रदेश की लगभग 100 सीटों पर अपना प्रभाव रखता है।
अनुप्रिया पटेल का अपना दल (एस) उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से विशेषत: वाराणसी और इसके आसपास के क्षेत्र में कुर्मी वोटरों का प्रतिनिधित्व करने वाली 'अपना दल' इस समय बीजेपी के साथ गठबंधन में है। अनुप्रिया पटेल फिलहाल मिर्जापुर से सांसद हैं और उत्तर प्रदेश की विधानसभा में उनके हिस्से में 9 सीटें हैं।
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पूर्वांचल में अब प्रचार करेगी चाचा-भतीजे की जोड़ी, शिवपाल को मिला हेलीकॉप्टर, कांग्रेस को है राहुल का इंतजार संजय निषाद की निषाद पार्टी निषाद पार्टी 2022 के विधानसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ रही है। निषाद पार्टी का पूर्वांचल और प्रयागराज का अच्छा प्रभाव है। इन इलाकों में निषादों की आबादी काफी है, संजय निषाद के साथ होने से बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है।
अपना दल (कमेरावादी) अपना दल (कमेरावादी) की मुखिया कृष्णा पटेल सपा के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। इस दल का प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, पूर्वांचल के कुछ जिले व बांदा और चित्रकूट जिले में खासा प्रभाव है। माना जा रहा है इस दल के साथ गठबंधन का फायदा सपा को मिल सकता है।