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उम्मेदाराम या रविंद्र भाटी…कौन जीतेगा त्रिकोणीय मुकाबला?

Barmer-Jaisalmer Loksabha Seat : राजस्थान में लोकसभा चुनाव की सभी 25 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के सभी प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही घमासान शुरू हो गया है। वर्तमान विधायक रविन्द्र सिंह भाटी के बाड़मेर सीट से उतरने की घोषणा के बाद भाजपा प्रत्याशी एवं कांग्रेस प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

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Barmer-Jaisalmer Loksabha Seat : राजस्थान में लोकसभा चुनाव की सभी 25 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के सभी प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही घमासान शुरू हो गया है। अभी तक 23 सीटों पर ही मुकाबला फिक्स हुआ है। शिव से निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी के बाड़मेर सीट से उतरने की घोषणा के साथ अब भाजपा प्रत्याशी एवं केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उतरने का ऐलान कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार के लोकसभा चुनाव में भी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी ने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर इस बात का फैसला किया। साथ ही 4 अप्रैल को नामांकन भरने करने का ऐलान कर दिया है।

'सबकुछ दांव पर लगा रहा हूं'- भाटी

रविंद्र सिंह भाटी लोकसभा चुनाव 2024 में उतरने के अहम फैसले को लेकर सर्व समाज की बैठक बुलाई थी। इसी बैठक के बाद भाटी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। रविंद्र भाटी ने चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही अपने सभी समर्थकों के बीच कहा कि अब समय आ गया है 21 लाख वोटर, 2600 बूथ, 1 महीने का वक्त, मैं मेरा सबकुछ दांव पर लगा रहा हूं। आम हिम्मत और ताकत बन सको तो हाथ खड़े करो।

उनकी इस बात सुनकर समर्थकों ने हाथ खड़े किये और कहा हम भी रविंद्र सिंह है। इसके साथ ही 'रविंद्र दिल्ली जाएगा' के नारे लगने लगे। रविंद्र भाटी ने फिर समर्थकों से पूछा कि सभी तैयार हो, आपका मन क्या है चुनाव लड़ें। क्योंकि मेरी गाड़ी में रिवर्स नाम का गियर नहीं है। मैं 26 का हूं और इस लड़के को जो मिलना चाहिए उससे दोगुना मिल चुका है।

बाड़मेर सीट पर मुकाबला हुआ त्रिकोणीय

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र जाट और राजपूत बाहुल्य माना जाता है। कांग्रेस ने यहां पर डैमेज कंट्रोल करते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी छोड़कर हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं बीजेपी ने सांसद व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। अब रविंद्र सिंह भाटी ने भी चुनावी मैदान में निर्दलीय उतरने का फैसला लिया है। जिससे इस सीट पर त्रिकोण मुकाबला होगा।

भाटी बीजेपी से बगावत कर जीते चुनाव

विधानसभा चुनाव 2023 से पहले रविंद्रसिंह भाटी बीजेपी में शामिल हुए थे। जहां पर उन्होंने शिव विधानसभा सीट से टिकट की मांग रखी थी। टिकट नहीं मिलने के चलते नाराज रविंद्र सिंह भाटी ने शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के साथ ही उन्होंने शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने क्षेत्र में देव दर्शन यात्रा निकाली। राजनीतिक विश्लेषक मानते है कि रविंद्र सिंह भाटी का बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ है। इसके अलावा उनकी युवाओं में गहरी पैठ है।

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उम्मेदाराम दो बार हार चुके विधानसभा चुनाव

कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल पर विश्वास जताया है। उम्मेदाराम बेनीवाल हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव 2023 में बायतु सीट से सिर्फ 910 वोटों से पीछे रहे। बायतु से कांग्रेस के हरीश चौधरी चुनाव जीते जबकि बीजेपी प्रत्याशी बालाराम मूंड 25101 वोटों से पिछड़ गए थे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उम्मेदाराम बेनीवाल बायतु विधानसभा सीट से दूसरे स्थान पर रहे थे।

चौधरी ने 2019 में किया मानवेंद्र को परास्त

भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी 2004 में जिला परिषद् के सदस्य चुने गए। 2013 में बायतु विधानसभा के विधायक चुने गए। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान वह बाड़मेर सांसद बने। इस दौरान मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री बनाया। कैलाश चौधरी के टिकट के पीछे उनकी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी हुई पृष्ठभूमि प्रमुख है। पिछली बार उन्होंने बाड़मेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को पराजित कर जीत हासिल की थी।