
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 पहले चरण का नामांकन शुरू कैराना से खुला खाता, भाजपा के लिए सीटें बचाना है चुनौती
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 14 जनवरी से शुरू हो गई है। विधानसभा चुनाव में नामांकन का खाता कैराना से खुला है पहले दिन शामली के कैराना विधानसभा सीट पर एक उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल किया है उसे 57 सीटों पर एक भी नामांकन दाखिल नहीं हुआ। यूपी चुनाव का उद्घाटन इस बार पश्चिमी जिलों से होगा। और ठेठ पूर्वी जिलों में जाकर अंतिम सातवां चरण समाप्त होगा। पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। इसमें नौ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। भाजपा के लिए पहला चरण मुश्किलों भरा रहेगा। चुनाव 2017 में 58 सीटों में से 53 सीटों पर भाजपा काबिज थी। पर इस बार सीटें बचाना एक बड़ी चुनौती है।
10 फरवरी को होगा मतदान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि, पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 21 जनवरी है। नामांकन पत्रों की जांच 24 जनवरी को होगी और 27 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। इस चरण की सीटों पर मतदान 10 फरवरी को होगा।
नामांकन की गाइडलाइन
अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि, नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ सिर्फ दो व्यक्ति निर्वाचन अधिकारी के कक्ष तक जा सकेंगे। प्रत्याशियों को ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा है। नामांकन के समय किसी भी प्रत्याशी को जुलूस की अनुमति नहीं है। नामांकन के समय केवल दो गाड़ियों का ही प्रयोग कर सकेंगे।
भाजपा के लिए मुसीबत सपा रालोद गठबंधन
चुनाव 2017 में सात चरण में वोट डाले गए थे। पहले चरण की 58 सीटों में से 53 सीटों पर भाजपा ने जीत की पताका फैलाई थी। समाजवादी पार्टी और बसपा ने 2-2 और राष्ट्रीय लोकदल ने 1 सीटें जीती थीं। पर चुनाव 2022 का पहला चरण भाजपा के लिए सबसे मुश्किलभरे साबित हो सकते हैं। सपा और रालोद गठबंधन जहां भाजपा के लिए रोड़ा बनेंगे वहीं गठबंधन पर यहां बेहतर प्रदर्शन का दबाव होगा। इस इलाके में कई सीटें मुस्लिम बहुल भी हैं, जहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी मैदान में होगी। ओवैसी अगर सपा-रालोद गठबंधन के वोट काटते हैं तो भाजपा को फायदा हो सकता है।
वेस्ट यूपी में किसानों के मत निर्णायक होंगे
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में पश्चिमी यूपी के किसानों ने जमकर एक वर्ष तक विरोध किया। और अंत में केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। पर इस बीच किसानों ने जो भी तकलीफ झेली है, उसे लेकर पश्चिमी यूपी के अधिकतर किसानों का भाजपा से मन खट्टा हो गया है। चुनाव 2022 के पहले चरण में भाजपा के लिए किसानों के वोट एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि यह तय है कि वेस्ट यूपी में किसानों के मत निर्णायक होंगे।
Published on:
15 Jan 2022 11:23 am
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