
लखनऊ। यूपी में सभी दल चुनावी अभियान में लग गए है। सभी पार्टियों ये दावा कर रही है कि उसके आने से अपराध कम हो जाएंगे। मगर वही हम मौजूदा विधायकों के आपराधिक मामले देखे तो वो अलग ही तस्वीर पेश करते है। यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव के अकड़े देखे तो 403 विधायकों में से 138 में आपराधिक मामले दर्ज है। यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां पर अपराध के मामले भी सबसे ज़्यादा है। बात की जाए विधानसभा में जीतने वाले विधायकों की तो यहां पर 36% विधायक आपराधिक बैकग्राउंड से आते है।
859 उम्मीदवारों पर थे आपराधिक मामले
403 सीटों के लिए जो 4823 उम्मीदवार उतारे गए थे उसमें से 859 उम्मीदवार आरोपी थे। वही 859 में से 704 पर गंभीर आरोप दर्ज थे। बता दे कि गंभीर अपराध में व्यक्ति 5 साल या उससे ज्यादा की सजा में जेल जा सकता है और ये गैर-जमानती अपराध होते है। सभी पार्टीयों में आपराधिक रिकार्ड के उम्मीदवार खड़े किए गए थे। जिसमें 33% उम्मीदवारों पर पहले से केस दर्ज थे।
859 उम्मीदवारों में 138 आपराधी जीते चुनाव
पार्टियों ने तो आपराधिक उम्मीदवार उतारे ही मगर हैरानी वाली बात ये है कि 859 में 138 उम्मीदवार जीत कर विधानसभा भी पहुंच गए। यूपी में 36% जीते हुए उम्मीदवारों पर आपराध दर्ज है। वैसे तो ये आकड़ा 2012 की तुलना में कम हुआ है। भाजपा में 114 क्रिमिनल बैकग्राउंड के विधायक है तो विपक्ष में 72 विधायक पर गंभीर आरोप है।
भाजपा विधायकों में अपराधिक मामले
भाजपा ने 2017 विधानसभा में 312 सीटे जीती थी जिसमें 114 आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायक शामिल है। बिठूर से आने वाले एमएलए अभिजीत सिंह सांहा पर भाजपा में सबसे ज्यादा 10 अपराध दर्ज है। वही राज्य के मुख्य मंत्री योगी अदित्यनाथ पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज है।
सबसे ज्यादा अपराधिक रिकार्ड वाले एमएलए
कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू पर 16 मामले दर्ज है जिसमें कई गंभीर आपराधिक मामले भी शामिल है। वही बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी पर भी 16 मामले दर्ज है। और अगर सपा की बात करे तो सिरसागंज आने वाले एमएलए हरीओम यादव पर 7 अपराधिक रिकार्ड है।
Published on:
15 Sept 2021 04:48 pm
बड़ी खबरें
View Allचुनाव
ट्रेंडिंग
