
एटा। स्वच्छ भारत मिशन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसको लेकर शासन और प्रशासन बेहद कड़ा रुख अपना रहा है। जनपद एटा के विकास खंड अलीगंज के सिकंदरपुर सालवाहन गांव के मजरा भैंसराना में फर्जी तरीके से जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया, जब कि गांव एक भी शौचालय नहीं बना और आज भी बेचारे ग्रामीण शौच खुले में जाने को मजबूर हैं।
वहीं एक तरफ जनपद एटा के जिलाधिकारी सुखलाल भारती खुले में शौच जाने वालों को जेल भेजने का निर्देश जारी कर चुके हैं, जिसके लिए हर ग्राम पंचायत पर निगरानी समिति का गठन भी किया जा चुका है। ऐसे में भैंसराना गांव की 100 फीसदी महिलाएं और बच्चे, पुरुष खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। सवाल बड़ा ये है कि एक तरफ जिला प्रशासन खुले में शौच जाने वालों को जेल भेजने का निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन मजबूर ग्रामीण करें तो करें क्या। खुले में शौच जाते हैं जो जेल जाना पड़ सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली है तो सरकार की तरफ से आवास नहीं मिले और जिन लोगों को आवास मिले हैं वहां शौचालय का निर्माण भी नहीं हुआ गांव में सड़क तो हैं लेकिन सफाई के लिए सफाई कर्मी गांव में मौजूद नहीं है। ऐसे में गांव वालों का कहना है कि ना तो गांव के प्रधान का इस ओर कोई ध्यान गया और ना ही सरकार के नुमाइंदों का, हारे थके ग्रामीण अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगा रहे हैं। वहीं अलीगंज विधानसभा के विधायक सत्यपाल सिंह राठौर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि निश्चित ही ये ग्राम पंचायत राजनीतिक द्वेष भावना का शिकार हो रही है, जिसके चलते ग्रामीणों को बिजली पानी शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वहीं जिले के आला अधिकारियों ने कागजों में तो जनपद को फर्जी तरीके से ओडीएफ घोषित कर दिया, लेकिन जमीनी हकीकत अगर देखी जाए तो 50 फीसद ओडीएफ को लेकर ग्राम पंचायत इलाकों में कार्य नहीं हुआ जिसको लेकर उनका कहना है कि उन्होंने कई बार जिले के जिलाधिकारी से अपनी विधानसभा के गांव क्षेत्रों की फर्जी ओडीएफ की शिकायत की, लेकिन अधिकारी हैं जिन्हें न तो प्रदेश के मुखिया का डर है और ना ही आला अधिकारियों का।
Updated on:
25 Dec 2019 04:59 pm
Published on:
25 Dec 2019 04:58 pm
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