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इटावा

शिवपाल का आशीर्वाद तो लिया, लेकिन ज़िंदाबाद के नारे पर उखड़ गया अखिलेश का मूड, सबको डाँटकर कराया चुप, देखें वीडियो

मुलायम परिवार मेें बिखराव के बाद इस बार होली कुछ अच्छा संदेश लेकर आती हुई तब दिखी, जब सैफई में मुलायम के आंगन में पूरा परिवार एक मंच पर नजर आया।

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दिनेश शाक्य.
इटावा. मंगलवार को होली के दिन पूरा मुलायम परिवार एक साथ था। अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल यादव, अभयराम यादव, धर्मंद्र यादव, तेजप्रताप सिंह यादव, अक्षय यादव, आदित्य यादव, अभिषेक यादव एक साथ नजर आ रहे थे, लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं इनका दिली मिलन नहीं हो सका जिसका इंतजार सबको था।

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अखिलश ने कहा – नहीं मनाऊंगा होली-

मुलायम परिवार मेें बिखराव के बाद इस बार होली कुछ अच्छा संदेश लेकर आती हुई तब दिखी, जब सैफई में मुलायम के आंगन में पूरा परिवार एक मंच पर नजर आया। मंच पर मुलायम सिंह यादव रामगोपाल यादव, अखिलेश यादव और सपा छोड़कर अलग पीएसएस नाम से राजनैतिक दल बना चुके शिवपाल यादव एक साथ दिखाई दिए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। लगा कि जैसे गिले शिकवे दूर हो गये, लेकिन चचा भतीजे जिंदाबाद के नारों से अखिलेश यादव बेहद तल्ख हो गये। और अपनी नाराजगी जता दी। उन्होंने खुले मंच से ऐलान कर दिया कि यह नारे ही माहौल बिगाड़ते हैं। अगर नारे बंद नहीं किये तो अगली दफा यहाॅ की होली से दूरी बना लूंगा। अखिलेश यादव की तल्खी के बाद सैफई में इस बात की चर्चा बड़ी तेजी से हो रही है कि बेशक नेता जी के सामने परिवार साथ मेें हो लेकिन मनमुटाव अभी भी कायम है।

दिली मिलन अधूरा है अभी-

आपको बता दें कि पिछले साल मुलायम परिवार दो खेमों में नजर आया था। पिछले साल शिवपाल सिंह यादव होली समारोह में अखिलेश यादव के साथ शामिल नहीं हुए थे। उस समय मुलायम सिंह यादव रामगोपाल यादव के अलावा परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए थे। जबकि शिवापाल सिंह ने अपने पिता के नाम पर स्थापित एसएस मेमोरियल स्कूल में होली समारोह रखा था। परिवारिक एकता की वकालत शिवपाल सिंह की ओर से लगातार हर किसी को हैरत मे डाले हुए हैं। 2019 के संसदीय चुनाव के बाद लगातार शिवपाल सिंह यादव की तरफ से इस बात की मांग की जाती रही है कि वे समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं और समय-समय पर उनकी तरफ से यह भी कहा जाता है कि परिवार में कोई अलगाव नहीं है। सभी एक हैं। बेशक सैफई के होली समारोह में मुलायम कुनबे में अधिकाधिक सदस्य शामिल हुए हों, लेकिन जिस तरह की बात अखिलेश यादव की तरफ से रखी गयी गई है। उससे साफ है कि भले ही होली मिलन हुआ है, लेकिन दिली मिलन अधूरा है।