नागरिक उड्डयन विभाग ने जिन छह बिदुओं पर रिपोर्ट मांगी है, उनमें रनवे एवं उसकी सतह को ठीक रखना, रनवे एवं एप्रेन की समुचित मार्किंग, सुंदर बाउंड्रीवाल तथा उसकी पुताई, हवाई पट्टी पर कम से कम छह पैकेट ब्लाॅक स्टोन की उपलब्धता, वीआईपी की गरिमा के अनुरूप वीआईपी लाउंज को बनवाए जाने और हवाई पट्टी ग्राउंड में घास वृक्षों की छटाई कराई जाना शामिल है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में सैफई हवाई पट्टी का नये सिरे से निर्माण किया गया था। करीब पौने तीन किलोमीटर लंबी इस हवाई पट्टी पर अत्याधुनिक तरीके से बागवानी के साथ गेस्ट हाउस का भी जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन हवाई जहाजों की नाइट लेंडिग नहीं हो रही थी। यहां पर दिन में वायुसेना के मिराज, सुखोई जैसे विमान भी लगातार अभ्यास कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पिछले वर्ष बड़ा बोइंग विमान भी उतारा जा चुका है, लेकिन इन विमानों के रात में उतरने की व्यवस्था न होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
इसी कमी को दूर करने के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने हवाई पट्टी पर नाइट लेंडिग के लिए राइट्स कंपनी को पूरी जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग ने 9 दिसंबर 2015 के अपने शासनादेश में 6 करोड 20 लाख रुपये के व्यय की अनुमति प्रदान कर अधूरे पड़े कार्यों को पूरा कराया था। लेकिन कुछ समय बाद स्थानीय गांव के निवासियों द्वारा लाइटिग सिस्टम को क्षतिग्रस्त एवं चोरी कर लिया गया था, जिस कारण नाइट लेंडिग शुरू नहीं हो सकी थी।