एमपी एमएलए कोर्ट ने इटावा संसद को 2 साल की सजा सुनाई थी। जिससे उनकी संसद सदस्यता खतरे में पड़ गई थी। आज उन्हें राहत मिली है।
उत्तर प्रदेश के इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया की संसद सदस्यता बच गई है। जब एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को जिला जज की अदालत ने बदल दिया है और संसद को दोष मुक्त करते हुए अपना फैसला सुनाया है। टोरंट अधिकारी के साथ मारपीट से जुड़ा है। एमपी एमएलए कोर्ट ने संसद को 2 साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। जिसके खिलाफ राम शंकर कठेरिया ने जिला जज की अदालत में अपील की थी।
घटना 2011 की है। टोरेंट पावर लिमिटेड आगरा साकेत मॉल में स्थित कार्यालय में बिजली चोरी की सुनवाई हो रही थी। कंपनी के मैनेजर भावेश रसिकलाल शाह लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे। आरोप है कि सांसद राम शंकर कठेरिया अपने समर्थकों के साथ अंदर पहुंच गए और मारपीट शुरू कर दी। मारपीट से मैनेजर को काफी चोट आई।
सुरक्षा निरीक्षक ने दर्ज कराया था मुकदमा
टोरेंट पावर के सुरक्षा निरीक्षक समेधी लाल ने हरी पर्वत थाने में तहरीर देकर सांसद और उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई के दौरान एमपी एमएलए कोर्ट ने राम शंकर कटेरिया संसद को दोषी माना और 2 साल की सजा सुनाई थी।
जिला जज की अदालत में दोष मुक्त किया
एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ सांसद रामशंकर कठेरिया ने जिला जज की अदालत में अपील की। जिस पर आदेश आया। जिला जज की अदालत ने एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को बदलते हुए उन्हें दोष मुक्त कर दिया। जिससे उनकी सदस्यता बच गई। इस मौके पर डॉ राम शंकर कठेरिया ने कहा कि बिजली बिल से परेशान एक महिला सुसाइड करने जा रही थी। उन्होंने टोरंट अधिकारियों से बिल ठीक करने की मांग की। लेकिन बीजेपी विरोधी सरकार ने राजनीतिक साजिश के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। अब उन्हें न्याय मिला।