इटावा. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव 22 नवम्बर को 80वां जन्मदिन है। उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित के.के. कालेज को इस बात पर गर्व है कि खेत खलिहान की राजनीति के जरिये देश की शीर्ष राजनीति में शुमार होने वाले समाजवादी जननायक मुलायम सिंह यादव ने छात्र संध अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की।
इटावा का के.के.कालेज मुलायम सिंह यादव के देश की शीर्ष राजनीति पर आने पर बेहद गदगद नजर आ रहा है क्योंकि मुलायम सिंह यादव की स्तानक स्तर की शिक्षा इसी कालेज में हुई है। पहली बार मुलायम सिंह यादव छात्र संध के अध्यक्ष बने। इसके बाद से इस कालेज से मुलायम सिंह यादव का गहरा लगाव आज भी कायम है। मुलायम सिंह यादव का खासा लगाव इस कालेज से है। इस बात को साबित करने के लिये इस कालेज के संचालक मंडल ने मुलायम सिंह की यादों से जुडी हुई तमाम तस्वीरें संकलित करके रखी हुई हैं।
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इटावा मुख्यालय पर स्थापित के.के.कालेज को यह सौभाग्य हासिल है। वो मुलायम सिंह के स्नातक स्तर की प्रारंभिक शिक्षा का गवाह है। मुलायम सिंह यादव ने स्तानक की शिक्षा इसी कालेज से 1961 में हासिल की। मुलायम सिंह यादव ने इस कालेज में अध्ययन के दौरान छात्र संध की स्थापना कराई, पहली बार छात्रसंध के अध्यक्ष बने और राजनीतिक जीवन में कदम रखने में सफल हुये।
कॉलेज प्रशासन बेहद खुश-
इस कॉलेज के मौजूदा प्राचार्य अरूण वर्मा समाजवादी पुरोधा मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि कालेज परिवार की खुशी कई किस्म की है। कालेज परिवार इस बात से खुश है कि उनके कालेज का कोई छात्र आज देश की राजनीति में ना केवल शीर्ष पर है बल्कि दूसरे छात्रों के लिये प्रेरणास्त्रोत भी बने हैं। विद्यालय त्रृणी है कि महाविधालय का नाम मुलायम सिंह यादव की बदौलत रोशन हो रहा है। इसलिये कॉलेज परिवार उनकी लंबी उम्र की कामना करता है।
पहलवानी का था शौक-
कालेज प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष विजय शंकर वर्मा का कहना है कि मुलायम सिंह यादव अपने छात्र जीवन में बेहद ओजस्वी, लोकहित चितंक रहे हैं। मुलायम बीए प्रथम वर्ष के कालेज के प्रथम बैच के छात्र थे। 1961 में मुलायम सिंह यादव इस कालेज में अध्ययन करते रहे हैं। कालेज के संस्थापक हजारी लाल वर्मा से उनका बेहद लगाव हुआ करता है। मुलायम सिंह यादव को छात्र जीवन में पहलवानी का बेहद शौक था। यहॉ अध्ययन करने के दौरान वे कालेज की ओर से आगरा कुश्ती टीम के कप्तान बन कर गये और जीत करके वापस लौटे।
10 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के रहे सदस्य-
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी था। मुलायम सिंह यादव ने साल 1954 में सिर्फ 15 साल की उम्र में नेता डा. राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर नहर रेट आन्दोलन में भाग लिया और पहली बार जेल गए। साल 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए। दोबारा 1974, 77, 85, 89, 91, 93, 1996 और 2004 और 2007 में दस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए।
तीन पर बने यूपी के सीएम-
मुलायम सिंह यादव 1989 से 1991 तक, 1993 से 1995 तक और साल 2003 से 2007 तक तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं। साल 1982 से 1985 तक वो उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और नेता विरोधी दल रह चुके हैं। साल 1985 से 1987 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा में नेता, विरोधी दल रह चुके हैं। दोबारा 14 मई 2007 से 26 मई 2009 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता, विरोधी दल रह चुके हैं। साल 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 में मुलायम लोकसभा के सदस्य चुने गए । प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा और इन्द्र कुमार गुजराल की सरकारों में 1996 से 1998 तक भारत के रक्षामंत्री का पदभार संभाला। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में 4 और 5 नवंबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी की स्थापना की गई। भारत के राजनीतिक इतिहास की यह एक क्रान्तिकारी घटना थी, जब लगभग डेढ़-दो दशकों से मृतप्राय समाजवादी आन्दोलन को पुनर्जीवित किया गया।
समाजवादी पार्टी की स्थापना से पूर्व मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश लोकदल और उत्तर प्रदेश जनता दल के अध्यक्ष रह चुके हैं। आपातकाल में वो 19 महीने जेल में रहे। अक्टूबर 1992 में देवरिया के रामकोला में गन्ना किसानों पर पुलिस फायरिंग के खिलाफ चलाए गए किसान आन्दोलन सहित विभिन्न आन्दोलनों में 9 बार इटावा, वाराणसी और फतेहगढ़ आदि जेलों में रहे।