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रैगिंग मामले में सैफई मेडिकल युनिवर्सिटी की मान्यता हो सकती है रद्द, वीसी ने कहा- मुझे मारने की सुपारी दी गई है

इटावा जिले के सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी में कथित तौर पर रैगिंग का मामला सामने आने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने सख्त रूख अपनाते हुए 24 घंटे के भीतर जबाब तलब किया है।

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इटावा. इटावा जिले के सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी (Saifai Medical University) में कथित तौर पर रैगिंग का मामला सामने आने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने सख्त रूख अपनाते हुए 24 घंटे के भीतर जबाब तलब किया है। अधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सैफई मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर एमबीबीएस छात्रों के साथ रैगिंग को लेकर 24 घंटे में जवाब मांगा गया है। एमसीआई ने प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ हुए बर्ताव पर कड़ा रुख अपनाते हुए जवाब न देने पर एक साल के लिए मान्यता रद करने और प्रति छात्र एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। यह भी पूछा है कि एमबीबीएस के सीनियर छात्रों को एक महीने के लिए सस्पेंड क्यों नहीं किया गया।

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वीसी ने जताया जना को खतरा-

वहीं वीसी डॉ. राजकुमार ने अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि मेरी सुपारी दी गई थी, जिसमें मेरी गाड़ी पर हमला करवाने से लेकर मेरे ऊपर किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने का प्लान किया गया। इसके चलते मैंने अपनी सिक्योरिटी टाइट की है साथ ही सरकार से सुरक्षा मांगी है। वहीं उन्होेंने बताया कि जबसे उन्होंने यूनिवर्सिटी का कमान संभाली है, तब से माफिया पूरी तरह से उनपर हावी हैं। उन्होंने नाम लिए बगैर कहा कि मुझपर पर कार्रवाई के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।

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यह था मामला-

दो दिन पूर्व ही सैफई मेडिकल कालेज में पढ़ने वाले एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के सिर मुड़वाकर परेड कराए जाने का मामला सामने आया था। यह छात्र न सिर्फ एक कतार में चलते हैं बल्कि सिनीयर के हॉस्टल के सामने अपनी सिर भी झुकाते दिख रहे हैं। इस घटना की जानकारी कालेज के अन्य छात्रों को हुई। मामला कॉलेज के बाहर नहीं निकला था, लेकिन किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया जिसके बाद से मामला स्कूल प्रशासन के बाद जिला प्रशासन तक पहुंचा व कुछ ही समय में पूरे देश में इसकी चर्चा होने लगी। बताया गया कि एडमिशन लेने वाले छात्र दहशत में हैं। वहीं, कालेज प्रशासन इसको मेडिकल कालेजों की परंपरा बताकर रैगिंग की बात से इंकार कर रहा है।