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मुलायम के गांव सैफई में पांच दशक बाद कोई दलित बनेगा ग्राम प्रधान

- सैफई गांव के पांच दशक तक ग्राम प्रधान रहे दर्शन सिंह यादव- अखिलेश सरकार में दर्शन सिंह यादव को यशभारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था

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File Photo of Mulayam Singh Yadav

File Photo of Mulayam Singh Yadav

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
इटावा. मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में करीब पांच दशक बाद कोई गैर यादव ग्राम प्रधान बनेगा। नई आरक्षण व्यवस्था के तहत यह सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो गई, जिसके बाद तय हो गया है कि इस बार यहां कोई दलित ही ग्राम प्रधान बनेगा। वर्ष 1971 से अब तक दर्शन सिंह यादव ही सैफई से ग्राम प्रधान चुने जाते रहे हैं। 17 अक्टूबर 2020 को लम्बी बीमारी के चलते मुलायम के बेहद करीबी रहे दर्शन सिंह यादव का निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी बहू मीना यादव को प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन अब नई आरक्षण व्यवस्था में सैफई का प्रधान यादव नहीं, कोई दलित होगा। अखिलेश सरकार में दर्शन सिंह यादव को यशभारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और दर्शन सिंह बचपन के दोस्त थे और दोनों ही पहलवानी के शौकीन थे। मुलायम ने जब राजनीति में कदम रखा तो दर्शन सिंह हर मोड पर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले। लोहिया आंदोलन के दौरान मुलायम सिंह को फर्रुखाबाद जेल में बंद कर दिया गया था तो जेल के बाहर दर्शन सिंह आमरण अनशन पर बैठ गये थे। इसके चलते जिला प्रशासन को मुलायम सिंह को रिहा करना पड़ा था। वर्ष साल 1967 के चुनाव में दर्शन सिंह यादव मुलायम सिंह के साथ साइकिल पर चुनाव प्रचार करते थे और घूम-घूमकर चंदा मांगते थे।

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