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26 साल बाद टूटेगा मुलायम का वर्चस्व, छिन जाएगी परिवार की कुर्सी

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में समाजवादी पार्टी के सामने दोहरी चुनौती

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
इटावा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण लिस्ट जारी होते ही कई चेहरे निराश हो गये हैं तो कइयों की खुशी देखती ही बनती है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की आरक्षण सूची ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई की पंचायत पर सबसे बडा प्रभाव डाला है जहां, 26 वर्ष बाद मुलायम परिवार के इतर कोई और सैफई का ब्लॉक प्रमुख बनेगा। योगी सरकार की ओर से आरक्षण प्रकिया को सख्ती से अपनाने के निर्देश दिये गए थे, जिसे बाद सैफई में ब्लॉक प्रमुख का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया है। वर्ष 1995 में जबसे सैफई ब्लॉक बना, यह सीट सिर्फ सामान्य या फिर ओबीसी के लिए ही आरक्षित रही है। तब से लेकर अब तक ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी मुलायम परिवार के पास ही रही है। वर्तमान में यहां से मुलायम सिंह यादव पौत्र तेज प्रताप यादव की मां मृदुला यादव ब्लॉक प्रमुख हैं।

वर्ष 1995 में मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव सैफई के पहले ब्लॉक प्रमुख चुने गए थे। वर्ष 2000 में वही जीते। उनके निधन के बाद वर्ष 2002 में मुलायम दूसरे भतीजे धर्मेंद्र यादव यहां से ब्लॉक प्रमुख बने। वर्ष 2005 और 2010 में रणवीर सिंह के बेटे तेज प्रताप सिंह यादव बने। वर्ष 2014 में मैनपुरी सांसद बनने के बाद वर्ष 2015 में उनकी मां मृदुला यादव ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीती थीं। अब ब्लॉक प्रमुख पद के लिए बीजेपी की कड़ी चुनौती के बीच सपा को ऐसा कैंडिडेट ढूंढना हो जो यादव के परिवार के बेहद करीबी हो।

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