script

चीन की BRI परियोजना में शामिल हुआ इटली, अमरीकी चेतावनी के बाद भी बढ़ रही सदस्य देशों की संख्या

locationनई दिल्लीPublished: Mar 24, 2019 09:36:12 am

Submitted by:

Anil Kumar

चीन के BRI परियोजना में शामिल होने वाला इटली G7 राष्ट्र का पहला देश बन गया है।
इससे पहले BRI में 40 से अधिक देशों ने सहयोग के लिए हस्ताक्षर किए हैं।
BRI में शामिल होने से पहले अमरीका ने इटली को दी थी चेतावनी।

शी जिनपिंग और सर्जियो मातारेला

चीन के BRI में शामिल होने वाला पहला G7 राष्ट्र बना इटली

रोम। संयुक्त राज्य अमरीका की ओर से चेतावनी जारी करने के बाद भी शनिवार को इटनी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन के BRI यानी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना में शामिल हो गया। सबसे बड़ी बात कि आधिकारिक तौर पर चीन के इस नीति के साथ शामिल होने वाला इटली G7 राष्ट्र का पहला देश बन गया है। इस संबंध में एक प्रेस वार्ता के दौरान इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मातारेला ने कहा कि इटली और चीन प्राचीन सिल्क मार्ग के दो छोरों पर बसे देश हैं जो कि दोनों देशों को बहुत ही करीब से जोड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि इटली संयुक्त रूप से बेल्ट एंड रोड का निर्माण के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस पहल को सपोर्ट करता है और उन्हें यह विश्वास है कि यह यूरेशियन कनेक्टिविटी और सामान्य विकास के लिए अनुकूल होगा। साथ ही साथ आधुनिकता के साथ प्राचीन सिल्क रोड को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।

https://twitter.com/ANI?ref_src=twsrc%5Etfw

40 से अधिक देश BRI में शामिल

बता दें कि चीन और इटली ने इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन भी एक-दूसरे को सौंपा। BRI सहयोग समझौते में इससे पहले ही 40 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में विशेष रूप से चीन के बढ़ते प्रभाव से इटली के अन्य सहयोगी देश जिसमें अमरीका और अन्य यूरोपीय देश शामिल हैं को काफी परेशानी हो सकती है। क्योंकि इस क्षेत्र में चीन का आर्थिक वर्चस्व बढ़ जाएगा। इससे पहले अमरीका ने चीन के वन बेल्ट वन रोड (OBOR) पहल का हवाला देते हुए इटली से यह आग्रह किया था कि चीन के ‘अवसंरचना वैनिटी परियोजना’ को कोई वैधता यानी ‘लेंड लेजीटीमेसी’ न दें। हालांकि अब इटली ने अमरीका के इस आग्रह को दरकिनार करते हुए चीन के BIR परियोजना के साथ समझौता कर लिया है। इटली का मानना है कि बीते तीन दशकों से वह मंदी का सामना कर रहा है और अब अपने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि उनके देश के लिए चीनी निवेश अच्छा है। इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को ही रोम पहुंच गए हैं। जिनपिंग इटली के बाद मोनाको और फ्रांस के दौरे पर जाएंगे। बता दें कि चीन ने भारत को भी BRI में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन भारत ने साफ-साफ इनकार कर दिया है। इसके अलावा भारत ने OBOR में भी शामिल होने से इनकार कर दिया है।

Read the Latest India news hindi on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले India news पत्रिका डॉट कॉम पर.

ट्रेंडिंग वीडियो