द्वितीय विश्वयुद्ध में गई थी 50 लाख लोगों की जान
रिपोर्ट की माने तो नाजियों के कब्जे की वजह से वहां के 50 लाख लोगों की जान गई थी। इसलिए पोलैंड की वर्तमान सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश को नाजियों से हुए नुकसान की कीमत जर्मनी से वसूलना चाहती है। आयोग की ये घोषणा उसी का एक भाग है।
नाजियों ने सबसे पहले 1939 में पोलैंड पर हमला किया था
आपको बता दें कि रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि यह सिर्फ प्रारंभिक आंकड़े हैं। इस संबंध में सत्तारूढ़ लॉ ऐंड जस्टिस पार्टी के नेता जारोस्लाव काकजिन्सकी के बयान के मुताबिक नाजियों ने सबसे पहले 1939 में पोलैंड पर हमला किया था। उस हमले और विश्व युद्ध के हमलों की वजह से इस देश को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारी नुकसान हुआ है।
द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद कई दशकों तक पोलैंड पर सोवियत रूस का स्वामित्व
गौरतलब है कि द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद कई दशकों तक पोलैंड पर सोवियत रूस का स्वामित्व रहा। यही वजह थी कि तब इस देश ने स्वतंत्ररूप से जर्मनी से मुआवजे की मांग नहीं की थी। हालांकि बता दें कि जर्मनी ने तब भी पोलैंड में नाजियों के अत्याचार के बावजूद बचे जिंदा लोगों को मुआवजा मुहैया कराया था।