
मॉस्को। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में एक माने जाने वाले रूस ने एक बार फिर ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है। रूस ने शुक्रवार को दुनिया का पहला तैरता एटमी रिएक्टर लॉन्च किया है। पर्यावरणविदों की ओर से मिले सख्त चेतावनी के बाद इस रिएक्टर को उत्तरी धुव्र की ओर रवाना कर दिया गया है। रूस ने इसे 'एल्काडेमिक लोमोनोसोच' नाम दिया है।
पांच हजार किलोमीटर के सफर पर है रिएक्टर
जानकारी के मुताबिक, एटमी ईंधन से लैस यह तैरता एटमी रिएक्टर मुरमांस्क के आर्कटिक पोर्ट से उत्तरी पूर्व साइबेरिया के लिए रवाना हुआ है। यह कुल सफर पांच हजार किलोमीटर का है, जिसे यह रिएक्टर चार से छह हफ्तों में पूरा करेगा। बताया जा रहा है कि इसका 21000 टन संयंत्र का वजन है। इसमें 35 मेगावाट क्षमता के दो रिएक्टर मौजूद हैं।
रिएक्टर पर सवार हैं 69 क्रू मेंबर
रूस ने 69 क्रू सदस्यों के साथ इसे यात्रा पर रवाना किया है। रूस ने कहा इस रिएक्टर से उन हिस्सों में परंपरागत एटमी संयंत्र स्थापित करने में मदद मिलेगी, जहां पूरे वर्ष बर्फ से जमी रहती है। रूस का का कहना है कि अगर यह यात्रा सफल हो जाती है तो आने वाले समय में इस रिएक्टर को दूसरे देशों को भी बेचा जाएगा।
जलवायु पर पड़ेगा गंभीर असर
गौरतलब है कि रूस ने इस रिएक्टर का निर्माण वर्ष 2006 में शुरू किया गया था। रूस को उम्मीद है कि यह रिएक्टर अगले साल के अंत तक काम करने लगेगा। दूसरी ओर पर्यावरण वैज्ञानिकों ने इसे 'न्यूक्लीयर टाइटेनिक' का खिताब दिया है। विज्ञानियों ने आशंका जताई है कि रूस के इस कदम से उत्तरी ध्रुव क्षेत्र में जलवायु का गंभीर खतरा बढ़ेगा। साथ ही रूस में इसी महीने न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुए विस्फोट के बाद पर्यावरण को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।
Updated on:
24 Aug 2019 08:45 am
Published on:
24 Aug 2019 08:41 am
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