नागरिकता देने से इंकार
इस कारण उन दोनों को वहां की नागरिकता देने से इंकार कर दिया गया। इस बारे में बात करते हुए वहां के मेयर ने मीडिया को बताया कि नगर पालिका ने जेंडर समानता के प्रति सम्मान की कमी के कारण उनके नागरिकता आवेदन को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था।
पहचान उजागर करने से इंकार
उन्होंने कहा कि एक नगरपालिका आयोग ने कई महीने पहले सवाल उठाया था कि क्या वे नागरिकता के मानदंडों को पूरा करते हैं। लेकिन उन्होंने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से एकता दिखाने में चूक गए। हालांकि जब उनसे उस जोड़े के बारे में अधिक जानकारी मांगी गई तो उन्होंने जोड़े की राष्ट्रीयता या अन्य पहचान विवरणों को साझा करने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने ये कहा कि जोड़े ने विपरीत जेंडर के लोगों के साथ हाथ मिलाने से मना कर दिया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जोड़े को विपरीत जेंडर के लोगों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देने में भी मुश्किल हो रही थी।
बचाव में आए कुछ भक्त मुसलमानों का तर्क
जोड़े के बचाव में आए कुछ भक्त मुसलमानों का तर्क है कि इस्लाम में परिवार के करीबी सदस्यों के अलावा किसी अन्य विपरीत जेंडर के व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क की अनुमति नहीं दी गई है। इस पर मेयर का कहना है कि वहां के कानून में विश्वास और धर्म की स्वतंत्रता शामिल है, लेकिन धार्मिक कार्य कानून के दायरे से उपर नहीं है।
निर्णय के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत
जोड़े के आवेदन को रद्द करने के मेयर के फैसले को उनके उप महापौर ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि आवेदन से इनकार करने के निर्णय से वे बहुत संतुष्ट हैं। बता दें कि मेयर ने कहा कि जोड़े को निर्णय के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन दिए गए हैं।