
पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले हाईप्रोफाइल नकल गिरोह का भंड़ाफोड़, ऐसे देने वाले थे अंजाम
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से तीन दिन पहले जोधपुर जिला ग्रामीण पुलिस ने नकल करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर बुधवार को कोचिंग सेंटर संचालक, दो सहयोगी, एक फोटोग्राफर व सात अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया। गिरोह मूल की जगह फर्जी अभ्यर्थियों से परीक्षा दिलाने और शर्तिया चयन के बदले पांच से सात लाख रुपए ले रहा था। आरोपियों से ४ लाख ९ हजार ५०० रुपए, ब्लैंकचेक, रसीदबुकें, अभ्यर्थी व फर्जी अभ्यर्थियों के आठ मिक्सिंग फोटो, कम्प्यूटर, मोबाइल आदि बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि जालोरी गेट में अनुपम क्लासेज में कोचिंग के नाम पर अभ्यर्थियों से कांस्टेबल व प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन के नाम पर नकल की शिकायत मिली थी। इस पर क्लासेज के संचालक सांचौर (जालोर) निवासी भीखाराम विश्नोई, पालड़ी सिद्धा निवासी अरुण व बाड़मेर निवासी सुरेश, बतौर अभ्यर्थी हिंगोली निवासी रामदीन विश्नोई, हनुमानगढ़ निवासी रघुवीर सिंह, कानावास का पाना निवासी भंवरलाल, बीकानेर निवासी हरिनारायण विश्नोई, रसीदा गांव निवासी मालाराम विश्नोई, सरनाडा निवासी मनीष विश्नोई और पचपदरा (बाड़मेर) निवासी निर्मल पालीवाल को गिरफ्तार किया गया।
चार तरीकों से करवानी थी नकल
किसी भी सेंटर से मिलीभगत कर प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करवाना। उसकी फोटो खींचकर आगे भेजना।
परीक्षा केन्द्र को खरीदकर बड़े स्तर पर अभ्यर्थियों से नकल करवाना।
ब्लूटूथ से नकल करवाना। सूक्ष्म ब्लूटूथ डिवाइस अभ्यर्थी अंत:वस्त्रों में छुपाकर रखता था।
फर्जी अभ्यर्थी से नकल करवाना। मूल अभ्यर्थी और फर्जी अभ्यर्थी की फोटो को मिलाकर तीसरी फोटो तैयार करना।
किस्तों में लेते थे राशि
पुलिस ने आरोपियों से आठ फोटो जब्त की, जो मूल अभ्यर्थी व फर्जी अभ्यर्थी की फोटो को मिलाकर तैयार की गई है। आरोपी भीखाराम, अरुण व सुरेश अभ्यर्थियों से पांच से सात लाख में सौदा तय करते थे। दो लाख अग्रिम ले लिए। दो लाख प्रवेश पत्र मिलने पर लिए और शेष राशि परीक्षा शुरू होने से पहले ली जानी थी।
सगे भाई पर २५ हजार का इनाम
मुख्य आरोपी भीखाराम का भाई जगदीश जाणी नकल गिरोह में सक्रिय है। वह सेंटर से प्रश्न पत्र लीक कर वाट्सएेप से भेज देता था। एसओजी ने लम्बे समय से फरार जगदीश पर गत दिनों २५ हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
डीटीएच यानी घर बैठे रहो पास हो जाओगे
भीखाराम व उसके कोचिंग सेंटर पर तीन-चार महीने से पुलिस की नजर थी। भीखाराम, अरुण व सुरेश के मोबाइल सर्विलेंस पर थे। तीनों व्यक्ति अभ्यर्थियों से कोडवर्ड में बात करते थे। ऑनशीट यानि अभ्यर्थी की जगह दूसरा आदमी परीक्षा देगा। डीटीएच यानि डायरेक्ट टू होम यानि अभ्यर्थी घर बैठा रहेगा और उसकी जगह अन्य युवक परीक्षा देगा। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजन दुष्यंत ने बताया कि परीक्षा में फर्जीवाड़े के लिए भीखाराम ने अपनी कोचिंग क्लासेज में १५-२० होशियार युवकों को कोचिंग करवाकर तैयार कर रखा था।
Published on:
12 Jul 2018 10:56 am
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