
बावलवाड़ा. एक ओर जहां सरकार क्षेत्र के विकास के मद्देनजर छोटे से छोटे गांवों को विभिन्न सड़क योजना के माध्यम से जोड़ते हुए चौड़ी व पक्की सड़कों के निर्माण के दावे करती है। वहीं, वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए रतलाम से स्वरूपगंज मार्ग जो जनजाति बाहुल्य क्षेत्र खेरवाड़ा से स्वरूपगंज तक सड़क ग्रामीण सड़क से भी कम चौड़ाई की सिंगल पटरी का मार्ग है। डामरीकृत सड़क की चौड़ाई कम होने के साथ ही वर्षों से सड़क के दोनों ओर पटरी की भी मरम्मत नहीं हुई। जिससे कम चौड़ी डामरीकृत सड़क की ऊंचाई बढ़ गई है। वर्तमान में सड़क पर आवागमन के दौरान आमने-सामने वाहनों के निकलने तक पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। ऐसे में वाहन चालकों को डामरीकृत ऊंची सड़क से पटरी पर वाहनों को उतारना पड़ रहा है। जिससे कई बार दुपहिया व तीन पहिया वाहनों के असंतुलित होकर गिरने व हादसे की संभावना रहती है।
ग्रामीणों ने बताया कि अब तक मार्ग पर हुए हादसों में कई घरों के चिराग बुझ चुके है। वर्ष 2011 से पूर्व यह राज्य राजमार्ग 10 था, उसके बाद यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो गया। राज्य राजमार्ग के दौरान ही यह मार्ग खस्ताहाल था। ग्रामीणों ने कई बार मार्ग पर स्वयं ही गेती-फावडे लेकर गड्ढे भरे। साथ ही धरना प्रदर्शन व बावलवाड़ा बंद कर विरोध भी जताया। इसके बावजूद मार्ग के रखरखाव के नाम पर सिंगल पट्टी सड़क पर ही डामरीकरण कर इतिश्री कर दिया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग 2011 में राज्य राजमार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए में बदल दिया गया। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एनएच-927 ए को अपग्रेड करने का फैसला लिया है। यह सड़क स्वरूपगंज से कोटड़ा, खेरवाड़ा, डूंगरपुर, सागवाड़ा, बांसवाड़ा होते हुए राजस्थान-मध्यप्रदेश बॉर्डर तक बननी थी। जिसकी कुल लंबाई 311 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट की तकनीकी और आर्थिक जांच के लिए एनएचएआई ने एईकॉम कंपनी को सलाहकार नियुक्त किया। कंपनी ने सर्वे के बाद नवंबर 2013 में इनसेप्शन रिपोर्ट और मार्च 2014 में अलाइनमेंट और ट्रैफिक सर्वे रिपोर्ट एनएचएआई को सौंपी। इस दौरान जून 2014 में सड़क का जिम्मा सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर राजस्थान सरकार के लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया। इसके बाद 11 नवंबर 2014 को एनएचएआई, राजस्थान सरकार के पीडब्ल्यूडी (एनएच) और एईकॉम के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ। डीपीआर तैयार होकर सरकार से योजना को मूर्त रूप देने की स्वीकृति मिली। यह कार्य 6 चरणों में पूर्ण किया जाना था। 16 फरवरी 2018 को भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना भी प्रकाशित की गई। परन्तु एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं होने से यह अधिसूचना स्वतः ही निरस्त हो गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्व के कार्यकाल में खेलगांव में 24 दिसम्बर को 2020 को 15 हजार 100 करोड़ रुपयों की परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की ओर से स्वरूपगंज से रतलाम वाया केोटड़ा, सोम, खेरवाड़ा, बावलवाड़ा, डूंगरपुर, तलवाड़ा, बांसवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए के राजस्थान सीमा क्षेत्र तक के 311 किमी सडक़ मार्ग को 1656 करोड़ रुपए से डबल लेन मय डामर पट्टी में विकसित करने की घोषणा की थी। जिससे क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर छा गई थीं। घोषणा के अनुरूप यह मार्ग 6 चरणों में पूर्ण होना था। जिसमें खेरवाड़ा तक 3 फेज का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। खेरवाड़ा से स्वरूपगंज तक मार्ग अब तक उसी हाल में है।
Published on:
17 May 2025 09:00 pm
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