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भिलाई

Watch video.. बीएसपी अड़ा रहा, पीड़ित परिवार को सिर्फ मुआवजा

भिलाई इस्पात संयंत्र का एक पेटी ठेकेदार एसएमएस-2 और सेक्टर-9 दोनों जगह दूसरी कंपनी के काम को लिया। ठेका श्रमिक लाल बहादुर सिंह एसएमएस 2 से सेक्टर-9 ऑन ड्यूटी पहुंचा। इस दौरान पैनल हटाने के दौरान वह उसके जद में आ गया। दोनों ही काम बीएसपी प्रबंधन का था। इसके बाद भी गेटपास को आधार बनाकर पीड़ित परिवार को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई।

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भिलाई

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Abdul Salam

May 08, 2024

भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप 2 में कार्यरत ठेका श्रमिक लाल बहादुर सिंह के परिजन बुधवार को सुबह 10 बजे सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचे। यहां वे प्रबंधन से पीडि़त परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे। प्रबंधन ने कहा कि श्रमिक का गेटपास बीएसपी के एसएमएस 2 का है, घटना एसएमएस 2 में होती, तो ऑफर लेटर दिया जाता। इस मामले में अब ठेकेदार आने के बाद चर्चा होगी। सभी लोग 4 घंटे इंतजार करते रहे, पर ठेकेदार नहीं आया। इसके बाद भिलाई नगर थाना में सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी की मौजूदगी में परिवार व ठेकेदार के साथ चर्चा की गई। अंत में तय हुआ कि पीडि़त परिवार को 9 लाख की मदद ठेकेदार की ओर से किया जाएगा। विलंब हो चुका था, इस वजह से पोस्ट मार्टम और अंतिम संस्कार अब गुरुवार को किया जाएगा।

यह है मामला

भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 हॉस्पिटल में फायर स्टेशन तैयार किया जा रहा है। अस्पताल परिसर में जिस जगह काम चल रहा है, वहां सोमवार की शाम में भारी पैनल को रखा जा रहा था। पैनल जिस स्थान पर था, उसके ठीक बाजू में भूतल बना हुआ है, पैनल को एक स्थान से दूसरे जगह शिफ्ट करने के लिए पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस दौरान पैनल मजदूर लाल बहादुर सिंह, सेक्टर-6 निवासी के ऊपर गिरा, जिससे उसका सिर भूतल की ओर हो गया, पैनल में मजदूर दब गया था और उसका खून ऊपर से भूतल की ओर गिर रहा था, इसकी वजह से उसके खून से दीवार रंग गया। रिश्तेदार गांव से आए, तब बुधवार को इस मामले में चर्चा शुरू हुई।

पहले हुआ विवाद, नारे भी लगे

मृतक परिवार के सदस्यों ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति की मांग रखी, लेकिन प्रबंधन ने उनका गेट पास एसएमएस -2 व कार्य क्षेत्र एसएमएस -2 होने के कारण भिलाई इस्पात संयंत्र के नियमों के मुताबिक अनुकंपा नियुक्ति के नियम में नहीं आने के कारण, उन्हें अनुकंपा नियुक्ति का ऑफर लेटर नहीं दिया जा सकता, यह बताया। इसको लेकर परिजन और प्रबंधन के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। प्रबंधन के खिलाफ नारे भी लगे।

प्रशासन ने किया हस्ताक्षेप, तब तय हुआ यह

लगातार चर्चा के बाद भी समाधान नहीं होने के कारण प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद भिलाई नगर के सीएसपी के मध्यस्थ में पुलिस प्रशासन, ठेकेदार, यूनियन, परिजन और प्रबंधन के बीच बैठक हुई। इसके बाद ठेका कंपनी पाल इंजीनियरिंग ने ठेका श्रमिक के परिजन को सहायता राशि के रूप में 3 लाख रूपए, बच्चों की पढ़ाई के लिए 4 लाख 80 हजार रुपए व अंतिम क्रिया के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए कुल 9 लाख रुपए सहयोग राशि के रूप में दिया गया। इस दौरान प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक औद्योगिक संबंध व ठेका प्रकोष्ठ जेएन ठाकुर उप महाप्रबंधक विकास चंद्र, प्रबंधक एन विजयन, स्टील ठेका श्रमिक यूनियन, इंटक की ओर से संजय कुमार साहू, सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, मनोहर लाल, आर दिनेश, गुरुदेव साहू, जसबीर सिंह मौजूद थे।

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