
गांव व झोपड़ियों में बाढ़ का पानी भरा, ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त
फर्रुखाबाद. जिले में एक बार फिर रामगंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के ऊपर पहुंच गया है। जिससे तटवर्ती गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। गंगा की बाढ़ का पानी कई गांवों में भरा है। गांव व झोपड़ियों में बाढ़ का पानी भरा होने से ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गंगा का जलस्तर 136.95 मीटर पर स्थिर है। नरौरा बांध से गंगा में 171792 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 60 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिंदु के ऊपर 136.95 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 57279 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे रामगंगा के जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका बढ़ गई है।
सोमवार को रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव कोलासोता, अहलादपुर भटौली, खरगपुर व निबिया के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। अहलादपुर के अधिकांश ग्रामीणों के घर नदी की धार में बह चुके हैं। कटान होने से ग्रामीण झोपड़ियों व घरों से सामान निकालकर पड़ोसी गांव में ग्रामीणों के घरों में रख रहे हैं। गंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी सुंदरपुर, भुड़रा, सैदापुर, नगला दुर्गु, पट्टी भरखा, जसूपुर, तीसराम की मड़ैया, बंगला, उदयपुर, आशा की मड़ैया, कंचनपुर, बमियारी, करनपुर घाट व कलिका नगला गांव में बाढ़ का पानी भरा है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। भुड़रा गांव के निकट सुंदरपुर मार्ग बाढ़ के पानी से कट जाने से नाव के सहारे ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं। नाव क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को खतरा बना रहता है। गंगा के तटवर्ती गांवों के खेतों में खड़ी फसल कई दिनों से जलमग्न है। जिससे फसल सड़ने लगी है। ग्रामीणों के सामने मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है । भुड़रा गांव की झोपड़ियों व मकानों में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीणों ने मकानों की छतों पर पालीथीन तानकर बसेरा बना लिया है ।
Published on:
28 Aug 2018 02:50 pm
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