
Yogi
फर्रुखाबाद. देश के प्रसिद्ध सन्त मलूक पीठाधीश्वर डॉक्टर राजेंद्र दास जी महाराज देवाचार्य पांचाल घाट गंगा तट पर नवरात्र के पावन पर्व पर लोगों को कथा का श्रवण कराने पहुंचे हैं। उन्होंने दुर्वाशा ऋषि आश्रम में वार्ता के दौरान बताया कि अयोध्या में जो सन्त धरने पर बैठे थे, वह बहुत ही करीबी व हमारे साथ वृन्दावन में भी रहे हैं। वह काफी अच्छे सन्त हैं। मन्दिर निर्माण में देरी को लेकर वह लोग काफी आहत थे। वह भगवान के प्रति अपनी भावनाओं को नहीं रोक सके और मन्दिर निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए, लेकिन जो उनको जबरन उठाया गया है, वह मुझे समझ में नहीं आ रहा है। वह गलत हुआ है। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री योगी का नाम लिए बिना उनके ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि जो कभी गाय और मन्दिर के आंदोलन के मुख्य सूत्रधार रहे, उनके द्वारा ऐसा व्यवहार करना मेरी समझ से परे हैं।
उनको कभी भी किसी भी हालत में उठाया जा सकता है-
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर गाय और मन्दिर की बात करने वालों को हमेशा तैयार रहना चाहिए क्योंकि उनको कभी भी किसी भी हालत में उठाया जा सकता है। जैसे अनशन पर बैठे सन्तों को पुलिस द्वारा उठाया गया है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कई सन्तों ने अध्यादेश लाकर मन्दिर बनवाने की बात सरकार से कही है, लेकिन सरकार अध्यादेश लाती है या नहीं यह उसके ऊपर निर्भर करता है। हम क्या कर सकते हैं। यदि सन्त किसी राजनीति पार्टी, जाति, वर्ग, पंथ के सिंद्धान्तों को अपना मानते हैं तो कुछ भी कहा जा सकता है।
लोगों में भक्ति अधिक बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो सत्य और सदाचार के माध्यम से भक्ति करते हैं कि उनकी भक्ति सफल होती है। इसीलिए कहा जाता है कि हर सामाजिक कार्य को सदाचार के साथ करना चाहिए तभी कल्याण हो सकता है।
Updated on:
12 Oct 2018 08:37 pm
Published on:
12 Oct 2018 07:55 pm
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