यह है पूरा मामला
दारोगा तारबाबू तरुण निवासी गांव नगला सोना टूंडला फिरोजाबाद वह घटना से दो दिन पहले ही जनपद में कानपुर नगर से यहां तबादले पर आए थे। उनकी पोस्टिंग कोतवाली फतेहगढ़ में की गई थी। दारोगा तारबाबू को सुबह पुलिस लाइन की जीप से केन्द्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ल की पीएसओ ड्यूटी पर भेजा गया था। वह ड्यूटी के लिए सिविल ड्रेस सफारी शूट पहन कर गए हुए थे। जहां पर उन्होंने जिले की सीमा से सटे जनपद शाहजहांपुर थाना अल्लागंज के बरेली हाईवे स्थित हुल्लापुर चौराहा के निकट एक कबाड़ी की दुकान के अंदर अपनी सर्विस रिवोल्वर से खुद को गोली मारकर मौत के घाट उतार लिया था।
घटना के बाद मृतक दरोगा के परिजनों ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के आठ दिन बाद जनपद गौतमबुद्ध नगर दादरी गौतमपुरी निवासी महिला सीमा अपनी सात वर्षीय पुत्री के साथ एसपी संतोष मिश्रा से मिली और उन्हें बताया कि दरोगा ताराबाबू से वह दादरी में मिल थी। उसने वहीं उनसे विवाह किया था। तभी से वह उनकी पत्नी है। वह हर महीने रूपये भी भेजते थे। जब भी ड्यूटी से छुट्टी मिलती थी तो वह मेरे साथ समय गुजारते थे। जांच एएसपी को दी गई है।
परिवारिक परेशानी से दरोगा ने आत्महत्या
एसपी सन्तोष मिश्रा ने घटना वाले दिन ही बता दिया था कि परिवारिक परेशानी से दरोगा ने आत्महत्या की है। वह कारण कौन था उसका नाम नहीं बताया था। जिस प्रकार से दरोगा की दूसरी पत्नी का दावा कर रही है। उसका कहना है कि वह कानपुर सरकारी क्वार्टर में साथ रहती रही लेकिन 2 अक्टूबर की घटना की जानकारी मुझे नहीं दी गई। उनकी मौत के बाद मेरा कोई सहारा नहीं है। दूसरी तरफ एक बेटी भी है उसका पालन पोषण कैसे हो पाएगा। उसके लिए भी मदद चाहिए। क्या दरोगा ने दूसरी शादी की कहानी अपनी पहली पत्नी को पता दी थी। वही दरोगा के जवान बेटे भी है। इस आत्म हत्या की गुत्थी बहुत उलझी हुई नजर आ रही है।
दूसरी पत्नी को सम्पत्ति से कोई मतलब नहीं
वहीं पुलिस भी क्या करें। अभी एक परिवार की बातों को समझ नहीं पा रही थी उसी समय दूसरी पत्नी भी दरोगा पर अपना पूरा अधिकार बता रही है उसका कहना है कि मुझे सम्पत्ति से मतलब नहीं है लेकिन जो बेटी है उसके भविष्य के बारे में अधिकारी विचार कर फैसला करें। दोनों पक्षों की जांच अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह को दी गई है। मृतक दरोगा के फोन कॉल में जिन जिन करीबियों के फोन नम्बर थे, उसमें दूसरी पत्नी का फोन नम्बर भी था। देखना यह होगा कि पुलिस अधिकारी किसकी तरफ जांच का फैसला लिखते है।