जी हां प्रदेश के सीएम अफसरों को सुधरने की नसीहत दे रहे हैं वहीं उनके मातहत कार्यकर्ता अफसरों को अब जूतों से मारने की धमकी तक देने लगे हैं। बतादें कि बीजेपी के सदर विधायक विक्रम सिंह का साला चेतन उनका बतौर प्रतिनिधि काम देखते है। चेतन पर आरोप लगा है कि इन्होने बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता से एक अवर अभियंता के तबादले की सिफारिश कर दी। पर कई दिन बाद जब बात नहीं बनी तो विधायक के साले ने फोन पर ही अधीक्षण अभियन्ता आर.आर सिंह को भला बुरा कहा और इतना आक्रोशित हो गए की अधीक्षण अभियन्ता को जूतों से मारने की धमकी दे दी। मामला यहीं नहीं थमा जब सदर बीजेपी विधायक विक्रम सिंह से इस मामले पर पत्रिका के संवाददाता ने बात की तो उनका कहना था कि अगर अधिकारियों ने अपनी कार्यशैली में सुधान नहीं किया तो आगे और भी गंभीर परिणाम होंगे। पर मामला सत्ता से जुड़ा है तो पुलिस भी इसे रफा-दफा करने में जुटी हुई है। पर ये सवाल तो जरूर है कि क्या भाजपा की राज में नेताओं और उनके करीबियों का इतना गुरूर में हो जाना सही है।
कहीं भाजपा के लिए खतरा न बन जाये नेताओं की मनमानी मामले में विधायक के साले ने जो किया अगर उसे कुछ देर के लिए छोड़ भी दें तो विदायक का इस मामले को लेकर जो रवैया रहा वह बहुत ही निराशाजनक रहा। एक तो अधिकारी तो जूते मारने की धमकी उपर से विधायक का ये कहना कि इससे भी गंभीर परिणाम होगा। इस बात को साबित कर रहा है कि भाजपा के लिए ऐसा नेता कहीं नुकसान की जड़ न बन जाये। यए अलग बात है कि विक्रम सिंह इस सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीत गये हैं उन्हे इस बात का कुछ हद तक गुरूर भी हो सकता है पर इस तरह की बयानबाजी भाजपा के लिए बड़ा नुकसाम पहुंचा सकती है।