scriptफतेहपुर में आंख बंद कर बैठी पुलिस, 7 दिनों में तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म | UP Police Not Alert in Fatehpur raped three girls within 7 days | Patrika News
फतेहपुर

फतेहपुर में आंख बंद कर बैठी पुलिस, 7 दिनों में तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म

Rape Case in Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बीते सात दिनों में तीन मासूमों के साथ दुष्कर्म हुआ। जिसमें दो को मौत के घाट भी उतार दिया।

फतेहपुरJul 21, 2022 / 12:22 pm

Snigdha Singh

UP Police Not Alert in Fatehpur raped three girls within 7 days

UP Police Not Alert in Fatehpur raped three girls within 7 days

कानून व्यवस्था सुधरने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश पुलिस आंख मूंद कर बैठी है। फतेहपुर जिले में एक सप्ताह में तीन मासूमों के साथ दुष्कर्म हुआ। दो की मौत के घाट भी उतार दिया। हैरान कर देने वाली बात ये है कि पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। बच्चियां तक सुरक्षित नहीं है। लगातार हुई इन घटनाओं से फतेहपुर में महिलाओं को असुरक्षा की स्थिति हो गई है। अब लोगों में अपनों और पास पड़ोस के लोगों से ही डर है। अपने ही उनके भक्षक बनते जा रहे हैं। जिस उम्र में मासूम बच्चियों को महिला-पुरुष का अन्तर भी समझना मुश्किल होता है, उस उम्र में उनके अपने खिलौने की तरह खेलकर पटक रहे हैं।
एक सप्ताह में तीन घटनाएं, दो की मौत

फतेहपुर में पहले खागा में पिता ने अपनी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। उससे ठीक तीन दिन पहले कल्यानपुर क्षेत्र में एक मासूम छह साल की बच्ची को 60 साल के बुजुर्ग ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाकर उसकी हत्या कर दी थी। ये घटनाएं अभी लोगों के जहन से उतरी भी नहीं थीं कि फिर सात साल के बच्चे के साथ अविवाहित व्यक्ति ने दरिंदगी कर उसे मौत के घाट उतार दिया। लगातार तीन घटनाओं के अंजाम से कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। पुलिस प्रशासन आरोपियों के लिए कड़ा रुख नहीं अपना रही है।
यह भी पढ़े – आईआईटी कानपुर ने तैयार की ‘गौरैया’, दुश्मनों की सीमाओं पर घुस कर करेगी जासूसी

ऐसी स्थितियों पर क्या कहते मनोरोग विशेषज्ञ

फतेहपुर के मनोरोग विशेषज्ञ डा. ललित प्रताप सिंह ने दुष्कर्म की लगातार हो रही घटनाओं पर कहा कि यह सिर्फ मानसिक विकृति को शांत करने का तरीका है। आदमी सही-गलत में अंतर भूल जाता है। जब उसकी जरूरत की पूर्ति नहीं होती तो वह किसी को भी माध्यम बना लेता है। आजकल जिस तरह से सबकुछ खुले तौर पर दिख रहा है तो व्यक्ति की जिज्ञासा और ज्यादा बढ़ती जा रही है। हालांकि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के बाद आरोपी को पछतावा भी होता है। शांति मन और ध्यान लगाने की आवश्यकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो