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दुर्गा सप्तशती के केवल ये 8 मंत्र ही दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए है काफी

Ashwin Navratri 2019 : Durga Saptashati Mantra jaap : जानें दुर्गा सप्तशती के दिव्य चमत्कारी 8 मंत्र और उनके लाभ।

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भोपाल

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Shyam Kishor

Oct 02, 2019

दुर्गा सप्तशती के केवल ये 8 मंत्र ही दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए है काफी

दुर्गा सप्तशती के केवल ये 8 मंत्र ही दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए है काफी

दुर्गा सप्तशती ग्रंथ ऐसा दिव्य ग्रंथ है जिसमें माँ दुर्गा की महिमा और उनकी कृपा का अमृत तुल्य रसपान कराने का अद्भूत शक्ति है। यह ग्रंथ माता के भक्तों के लिए ज्ञान गंगा के समान ही पावन है। इस दिव्य ग्रंथ के अंत में माँ दुर्गा के अनेक चमत्कारी मंत्र अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दिए गये हैं। लेकिन उसी सभी मंत्रों में से केवल ये 8 मंत्र ही किसी के भी दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए काफी है। इन मंत्रों के जप से साधक जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान स्वतः मिलने लगता है। जानें दुर्गा सप्तशती के दिव्य चमत्कारी मंत्र और उनके लाभ।

1- अगर पुत्र प्राप्ति की कामना हो तो नौ दिनों तक इस मंत्र का जप करें।
मंत्र
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः॥
*****
2- इस मंत्र का जप करने से सभी तरह के भय का नाश हो जाता है।
मंत्र
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तुते॥

3- जाने अंजाने में जीवन में हुए पापों का नाश इस मंत्र के जप से हो जाता है।
मंत्र
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव॥
*****
4- गंभीर बीमारी हो कोई महामारी इस मंत्र का जप करने के बाद 108 बार हवन में आहुति देन रक्षा होती है।
मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति॥
*****

5- अगर जीवन में किसी प्रकार की आपत्त्ति है तो उससे निकलने के लिए इस मंत्र का जप करें।
मंत्र
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तुते॥
*****
6- हर प्रकार की महामारी का नाश करने के लिए इस पावरफूल मंत्र का जप करें।
मंत्र
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तुते॥
*****

7- अनेक शक्ति और शरीर बल की प्राप्ति के लिये इस मंत्र का जप करें।
मंत्र
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते॥
*****
8- मन पंसद जीवन साथी की कामना से जपे ये दो मंत्र।
पति के लिए इस मंत्र को जपे
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥
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पत्नी के लिए इस मंत्र को जपे
पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम्॥
*****