scriptदेव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर | Dev Uthani Gyaras : Puja Shubh Muhurat 8 november 2019 | Patrika News
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देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

Dev Uthani Gyaras : Puja Shubh Muhurat 8 november: देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

भोपालOct 31, 2019 / 03:18 pm

Shyam

देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

इस साल देवउठनी ग्यारस का पर्व 8 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यतानुसार चार माह विश्राम करने के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव जागते हैं, जिसे देव उठनी ग्यारस कहते हैं। इसी दिन से विवाह संस्कार सहित सारे शुभ मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। जानें ज्योतिषाचार्य पं. प्रहलाद कुमार पंड्या के अनुसार, ग्यारस पर्व पूजा का शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि।

देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

पूजा विधि

देव उठनी ग्यारस के दिन सबसे पहले इस मंत्र का उच्चारण करते हुए देवों को जगायें।
‘उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये।
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्‌ सुप्तं भवेदिदम्‌॥
‘उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव।
गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥
‘शारदानि च पुष्पाणि गृहाण मम केशव।

देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

1- सूर्यास्त के बाद परिवार सहित संभव हो तो स्नान करके धुले हुये वस्त्र पहनकर पूजन का क्रम पूर्ण करें।

2- तुलसी के पौधे को एक पटिये पर घर के आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें, एवं तुलसी के बगल में ही शालिग्राम जी भी स्थापित करें।

3- अब तुलसी वाले के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं।

4- मंडप बनाने के बाद तुलसी माता पर समस्त सुहाग सामग्रियों सहित लाल चुनरी चढ़ाएं।

5- शालिग्राम जी पर तिल ही चढावें, क्योंकि उन पर चावल नहीं चढ़ाये जाते।

6- तुलसी और शालिग्राम जी पर दूध में मिलाकर गीली हल्दी लगाएं।

7- गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें।

8- तुलसी जी और शालिग्राम जी का पूजन करने के बाद मंगलाष्टक का पाठ अवश्य करें।

9- कुछ लोग इस एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ करते है, अत: पूजन के लिए बेर, भाजी, आंवला, मूली, बैंगन एवं गाजर जैसी खाने की चीजे एकत्रित कर वे भी अर्पित करें.

10- पूजन पूर्ण होने के बाद आरती जरूर करें।

देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

11- आरती के बाद तुलसी नामाष्टक मंत्र को पढ़ते हुए दंडवत प्रणाम करें।
वृन्दा वृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नन्दनीच तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्रोतं नामर्थं संयुक्तम।
य: पठेत तां च सम्पूज् सौऽश्रमेघ फललंमेता।।

12- आरती के बाद तुलसी जी एवं शालिग्राम जी को प्रसाद का भोग लगायें।

14- भोग लगाने के बाद 11 परिक्रमा तुलसी जी की करें।

15- पूजा समापन के बाद जब भोजन करे तो भोजन से पहले पूजा के भोग का प्रसाद ग्रहण करें।

देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

ग्यारस पर्व पूजन का शुभ मुहूर्त

1- लाभ- प्रातः 8 बजे से 9 बजकर 24 मिनट।

2- अमृत- 9 बजकर 24 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक।

3- शुभ- दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 1 बजकर 34 मिनट तक।

4- चर – सायंकाल 4 बजकर 21 मिनट से 21 मिनट से 5 बजकर 44 मिनट तक।

5- लाभ- रात्रि 8 बजकर 57 मिनट से रात्रि 10 बजकर 34 मिनट तक।

6- गोधूलि बेला- शाम 5 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 47 मिनट तक।

7- प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 22 मिनट से रात 7 बजकर 52 मिनट तक।

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देव उठनी ग्यारस: शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण पूजा विधि 8 नवंबर

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