
धनतेरस : पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त 25 अक्टूबर 2019
कल 25 अक्टूबर 2019 दिन शुक्रवार को धनतेरस का पर्व है। धनतेरस पर्व पर चल, अचल सम्पत्ति, वाहन, भवन, प्लाट, स्वर्ण, आभूषण, वस्त्र, चांदी आदि क्रय करने के साथ आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि जी की विशेष पूजा की जाती है। जानें धनतेरस पर्व की संपूर्ण पूजा विधि एवं सटीक शुभ मुहूर्त ज्योतिषाचार्य पं. प्रह्लाद कुमार पण्ड्या से।
पत्रिका डॉट काम को ज्योतिषाचार्य पं. प्रह्लाद कुमार पण्ड्या ने धनतेरस पर्व की शास्त्रोंक्त पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से बताया। धनतेरस के दिन सुबह एवं शाम को घर आंगन में दीपक जलाने से घर मनें लक्ष्मी का आगमन होता है। धनतेरस के दिन खरीददारी जैसे- सोना, चांदी, तांबा, झाडू आदि धातुओं से बनी वस्तुएं खरीदने से घर में सदैव धन के भंडार भरे रहते हैं। भगवान धनवंतरी एवं धन कुबेर की कृपा से कभी भी किसी चीज का अभाव नहीं रहता। धनतेरस के दिन चंद्रमा का प्रतीक चांदी से बनी वस्तुएं खरीदने से शीतलता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। धनतरेस के दिन स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए चिकित्सा के देवता भगवान धन्वन्तरी की पूजा करने का विधान है।
शुभ मुहूर्त
1- चर- प्रातः 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 55 मिनट तक
2- लाभ- प्रातः 7 बजकर 55 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक
3- अमृत- प्रातः 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक
4- शुभ- दोपहर- 12 बजकर 11 मिनट से 1 बजकर 36 मिनट तक
5- चर- सायंकाल- 4 बजकर 27 मिनट से 5 बजकर 52 मिनट तक
6- गोधुली बेला- सायंकाल 5 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 56 मिनट तक रहेगी।
7- प्रदोष काल- सायंकाल 5 बजकर 38 मिनट से रात्रि 7 बजकर 37 मिनट तर रहेगा।
- सर्वार्थ सिद्धियोग- सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक ही रहेगा
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
स्थिर लग्न
1- वृश्चिक- प्रातः 8 बजकर 1 मिनट से 10 बजकर 25 मिनट तक
2- कुंभ- दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 20 मिनट तक
3- वृषभ- रात्रि में 7 बजकर 1 मिनट से 9 बजे तक।
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स्थिर लग्न
1- वृश्चिक- प्रातः 8 बजकर 1 मिनट से 10 बजकर 25 मिनट तक
2- कुंभ- दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 20 मिनट तक
3- वृषभ- रात्रि में 7 बजकर 1 मिनट से 9 बजे तक।
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Published on:
24 Oct 2019 10:58 am
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